आजमगढ़ में बच्चों की मौत मामले में जांच टीम गठित:सीएमओ ने स्वास्थ्य केंद्र जाकर अधिकारियों से की बात, दवाओं के छिड़काव के निर्देश

आजमगढ़ के सरायमीर थाना क्षेत्र के कौरागहनी गांव में डायरिया से तीन बच्चों की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी जाग गए हैं। मामले की जानकारी मिलने के बाद देर रात जिले के सीएमओ डॉक्टर नन्हकू राम देर रात्रि मार्टिनगंज के स्वास्थ्य केंद्र पहुंचकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए थे। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग की दो टीमों का गठन किया गया है जो गांव में जाकर दवाओं का छिड़काव करने के साथ-साथ दावाओं का वितरण भी कर रही है। ग्रामीणों में स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों को लेकर भी काफी गुस्सा है। लगभग 10000 की आबादी वाले इस गांव में किसी के पास कॉलोनी नहीं है। वार्ड नंबर 5 भगत सिंह के सभासद धर्मेंद्र यादव जब पीड़ित परिजनों से मिलने पहुंचे तो गांव की महिलाओं ने जमकर विरोध किया। डायरिया की चपेट में आने से जिन तीन बच्चों की मौत हुई है। उनमें विनीता 6 पुत्री दिनेश, सिंटू उर्फ राजन 2 पुत्र दिनेश और सनी 5 पुत्र हरेंद्र प्रमुख हैं। इसके साथ ही आठ बीमार बच्चों को इलाज के लिए भर्ती कराया गया था जिन्हें हालत गंभीर देखते हुए आजमगढ़ के मंडलीय अस्पताल में लाया गया है जहां उनका इलाज चल रहा है। इन बीमार बच्चों का चल रहा है इलाज डायरिया से संक्रमित 8 बच्चों को आजमगढ़ के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जिन बच्चों को भर्ती कराया गया है। उनमें संतोष 7, विकास 8, ज्योति 5, विशाल 14, नेहा 9, आरती 11, बिजल 3, सोनू 1 हैं। परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप इस बारे में रमेश कुमार की बहन रिंकी बनवासी का कहना है कि जिस तरह की घटना हुई इसमें स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही सामने आई है। दो बार बच्चों को इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया जहां से आने के बाद फिर तबीयत बिगड़ने लगी और मौत हो गई। आसपास के लोगों का यह भी कहना है कि ना तो स्वास्थ्य विभाग और ना ही यहां के जनप्रतिनिधि यहां कोई झांकने नहीं आता है। अब जब घटना हो गई है तो बड़ी संख्या में लोग आ रहे हैं और बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं। वही गांव की महिला जीयाशी देवी का कहना है कि ना तो यहां कोई आता है और ना ही हम लोगों को किसी योजना का लाभ मिलता है। वही मुसहर बस्ती के रहने वाले गोकुल क्या कहना है कि चुनाव के समय नेट आते हैं हाथ पैर पकड़ते हैं और वोट लेकर चले जाते हैं। उसके बाद कभी भी इस इलाके में झांकने नहीं आते हैं। CMO बोले किया जा रहा है दवा का छिड़काव इस बारे में दैनिक भास्कर से बातचीत करते हुए जिले के सीएमओ डॉक्टर नन्हकू राम ने बताया कि घटना की जानकारी मिलने के बाद देर रात्रि में मौके पर पहुंचा और अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए थे। इसके साथ ही दो टीमों का गठन किया गया है जो मौके पर पहुंचकर मामले की जांच कर रहीहैं। उल्टी दस्त के संक्रमित जो भी बच्चे मिले हैं उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसके साथ ही गांव में दवाओं का वितरण भी कराया जा रहा है जिससे कि संक्रमण को रोका जा सके। बह जाती डेड बॉडी तो नहीं खुलता भेद आजमगढ़ के दीदारगंज थाना क्षेत्र और जौनपुर के खेतासराय थाना क्षेत्र में बेसों नदी में एक दिन पूर्व तीन मासूम बच्चों की डेड बॉडी फेंके जाने का मामला सामने आया। जिसकी फोटो और वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल होने लगे। मामले की जानकारी मिलने के बाद जब दोनों जिलों की पुलिस मौके पर पहुंची तो लगभग 2 घंटे तक पुलिस सीमा विवाद में उलझी रही। इसके बाद इस बात की पुष्टि हुई की मासूम तीनों बच्चे आजमगढ़ जिले के सरायमीर थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं। और इन तीनों बच्चों की मौत डायरिया से हुई है। इस घटना के बाद स्वास्थ्य महकमा हरकत में आया और मामले की छानबीन में जुट गया।

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