यमुनानगर CMO गिरफ्तारी के डर से मां के फार्महाउस छिपे:जहां कार्डियक अरेस्ट हुआ वो फॉर्म पूर्व तहसीलदार का; यौन शोषण का केस बंद होगा

हरियाणा में यौन शोषण केस में नामजद यमुनानगर के चीफ मेडिकल ऑफिसर (CMO) डॉ. मंजीत सिंह (53) की कार्डियक अरेस्ट के बाद मौत हो गई है। इस केस में पुलिस अरेस्ट से बचने के लिए वो कुरुक्षेत्र जिले के झांसा (शांति नगर, कुरड़ी) स्थित जिस फार्म हाउस में पनाह लिए थे, वो उनके नाना ने बनवाया था। नाना तहसीलदार हुआ करते थे। डॉ. मंजीत की मां अपने माता-पिता की इकलौती संतान थीं। इस फॉर्म हाउस में डॉ. मंजीत की मां रहती थीं। डॉ. मंजीत ने दफ्तर में अपना पता यमुनानगर के सेक्टर-17 का लिखवाया हुआ था, जबकि यौन शोषण के केस की अग्रिम जमानत याचिका में उन्होंने अपने घर का पता कुरुक्षेत्र के सेक्टर-13 का दिया था। यमुनानगर सेक्टर-17 में वे इन दिनों किराए के मकान में रह रहे थे, जबकि सेक्टर 13 में उन्होंने खुद का घर बनाया हुआ था। लेडी डॉक्टर द्वारा केस दर्ज कराने के बाद से सीएमओ पुलिस से बचते फिर रहे थे। बताया जा रहा है कि उन्होंने नाना के फॅार्म हाउस को ही अपना ठिकाना बना लिया था। इस फॉर्म हाउस के बारे में किसी को ज्यादा जानकारी नहीं थी। वर्तमान में यह उनकी मां की संपत्ति है। ऐसे में डॉ. मंजीत के लिए मां का यह घर ही आखिरी पनाह गाह बन गया। यहीं उन्हें कार्डियक अरेस्ट आया, जिससे उनकी मौत हो गई। पुलिस के मुताबिक इस केस में डॉ. मंजीत अकेले आरोपी थे, उनकी मौत के बाद अब केस बंद करने की प्रक्रिया चलेगी। मां-बाप दोनों आर्मी में थे, फॉर्म हाउस ननिहाल से विरासत में मिला
​​​​​​डॉ. मंजीत की नानी गृहिणी थीं। इकलौती संतान होने के कारण ​​​​​​डॉ. मंजीत की मां को यह प्रॉपर्टी मिली थी। डॉ. मंजीत की मां और पिता, दोनों सेना में रह चुके हैं। पिता की मौत के बाद मां इसी फॉर्म हाउस में रह रही हैं। मगर, जहां उनकी मां स्थायी रूप से रहती थी, वहां डॉ. मनजीत ने नया घर बनवाया था। वे अक्सर मां से मिलने फॉर्म हाउस आते थे। केस दर्ज होने के बाद वे इसी फॉर्म हाउस में रह रहे थे। फॉर्म हाउस की लोकेशन ऐसी, पुलिस नहीं पहुंच पाई
फॉर्म हाउस की लोकेशन ऐसी थी कि यह पुलिस की नजरों से दूर था। डॉ. मंजीत यहां छिपने के दौरान बाहर नहीं निकल रहे थे। उनका मोबाइल स्विच ऑफ होने से पुलिस उनकी लोकेशन ट्रेस नहीं कर पा रही थी। परिजन उनसे मिलने आते थे, लेकिन पड़ोसियों को उनकी मौजूदगी की भनक तक नहीं थी। यहीं से उन्होंने अग्रिम जमानत के लिए कोर्ट में प्रयास किया, जो असफल रहा। अब जानिए कॉल रिकॉर्डिंग से लेकर मौत तक की कहानी… अब आगे क्या…केस बंद होने की कार्रवाई
चूंकि केवल एफआईआर दर्ज हुई थी और मामला कोर्ट में चार्जशीट दाखिल होने या सुनवाई शुरू होने तक नहीं पहुंचा था। ऐसे में पुलिस अब इस केस को आगे बढ़ाने के बजाय बंद करने की प्रक्रिया शुरू करेगी। पुलिस को डॉ. मंजीत सिंह की मौत की पुष्टि (पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट, मृत्यु प्रमाणपत्र आदि) के बाद एक क्लोजर रिपोर्ट तैयार करनी होगी। इस रिपोर्ट में यह उल्लेख होगा कि आरोपी की मृत्यु के कारण केस आगे नहीं बढ़ सकता। यह रिपोर्ट मजिस्ट्रेट को सौंपी जाएगी, जो इसे स्वीकार कर केस को औपचारिक रूप से बंद कर देगा। अब जानिए क्या है पीड़िता के लिए संभावित विकल्प… 1) आपराधिक मामला: एडवोकेट रवि के अनुसार, चूंकि आरोपी की मृत्यु हो चुकी है, आपराधिक मामला (यौन उत्पीड़न और जातिसूचक टिप्पणी का) अब आगे नहीं बढ़ेगा। 2) विभागीय जांच: एडवोकेट रवि ने बताया कि यदि पीड़िता (महिला डॉक्टर) चाहे, तो वह स्वास्थ्य विभाग या हरियाणा सरकार के स्तर पर शिकायत दर्ज कर सकती है, ताकि इस मामले की प्रशासनिक जांच हो। यह जांच कार्यस्थल पर उत्पीड़न की नीतियों (जैसे पॉश एक्ट) के तहत हो सकती है, लेकिन यह अब डॉ. सिंह के खिलाफ कार्रवाई तक सीमित नहीं रहेगी। 3) सिविल मुकदमा: पीड़िता मानहानि, भावनात्मक नुकसान या अन्य आधार पर सिविल मुकदमा दायर कर सकती है, लेकिन यह मृतक के खिलाफ नहीं, बल्कि उनकी संपत्ति या अन्य संबंधित पक्षों (यदि कोई) के खिलाफ हो सकता है। हालांकि, ऐसी कार्रवाई की संभावना कम है। 4) नैतिक/सामाजिक प्रभाव: एडवोकेट रवि कहते हैं कि यह मामला सार्वजनिक चर्चा में बना रह सकता है, खासकर कार्यस्थल पर उत्पीड़न जैसे मुद्दों पर। पीड़िता सामाजिक या मीडिया मंचों के जरिए अपनी बात रख सकती हैं, लेकिन यह कानूनी प्रक्रिया से अलग होगा। क्या होता है कार्डियक अरेस्ट, जिससे डॉ. मंजीत की मौत हुई, देखें इन्फोग्राफिक्स ———————————– ये खबर भी पढ़ें:- यौन शोषण केस में फरार आरोपी CMO की मौत:यमुनानगर की लेडी डॉक्टर से बोले-संबंध बनाने हैं, बेल नहीं मिली; फार्म हाउस में आया अटैक हरियाणा में यमुनानगर के सिविल सर्जन (CMO) डॉ. मंजीत सिंह की मौत हो गई। वह 53 बरस के थे। बताया जा रहा है कि उन्हें कुरुक्षेत्र में फार्म हाउस पर हार्टअटैक आया। मंजीत सिंह पर यमुनानगर की 25 वर्षीय लेडी डॉक्टर ने 20 सितंबर को यौन शोषण और एससी-एसटी एक्ट का केस दर्ज कराया था।

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