आज देशभर में सिख धर्म के दसवें गुरु, गुरु गोविंद सिंह महाराज का प्रकाश पर्व मनाया जा रहा है। इस अवसर पर गुरुद्वारों में विशेष आयोजन किए जा रहे हैं। जौनपुर में खालसा पंथ द्वारा एक विशाल शोभायात्रा निकाली गई। यह शोभायात्रा नगर के विभिन्न मार्गों से होते हुए गुरु तेग बहादुर की तपस्थली रास मंडल में संपन्न हुई। इस दौरान सड़कों पर विभिन्न समितियों ने पांच प्यारों का स्वागत किया। गुरु गोविंद सिंह का जन्म सन् 1666 में पटना साहिब (बिहार) में हुआ था। उन्होंने सिख समुदाय को नई दिशा प्रदान की। उन्होंने खालसा पंथ की स्थापना की और “सत श्री अकाल” का नारा दिया, जो सिखों की पहचान है। गुरु गोविंद सिंह ने अत्याचार और अन्याय के विरुद्ध संघर्ष का आह्वान किया। उन्होंने समाज में समानता और धर्म की रक्षा का संदेश दिया। प्रकाश पर्व के अवसर पर गुरुद्वारों में कीर्तन, अरदास, लंगर सेवा और प्रभात फेरियां आयोजित की जा रही हैं। बड़ी संख्या में श्रद्धालु गुरुद्वारों में मत्था टेक रहे हैं और गुरु के उपदेशों का स्मरण कर रहे हैं। गुरु गोविंद सिंह के उपदेश आज भी प्रेरणास्रोत हैं। उन्होंने कहा था कि “मनुष्य का सबसे बड़ा धर्म है न्याय और सत्य के मार्ग पर चलना।” इस अवसर पर धर्मावलंबियों ने एक-दूसरे को प्रकाश पर्व की शुभकामनाएं दीं और गुरु गोविंद सिंह की शिक्षाओं पर चलने का संकल्प लिया।
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