अयोध्या में 240 फीट ऊंचे रावण दहन पर रोक:प्रशासन ने अनुमति नहीं दी, रामलीला कमेटी बोली-तैयारी पर फिरा पानी
अयोध्या में इस साल की रामलीला में 240 फीट ऊंचे रावण के पुतले के दहन पर प्रशासन ने रोक लगा दी है। रामलीला कमेटी के अध्यक्ष ने बताया कि देशभर की रामलीलाओं में इतना ऊंचा रावण का पुतला अब तक कभी नहीं जलाया गया। इस पुतले को जलाने की तैयारी लंबे समय से चल रही थी। प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से इस पुतले को जलाने की अनुमति नहीं दी। वहीं, रामलीला कमेटी ने प्रशासन से पुनर्विचार की अपील की है। उनका कहना है कि इस आयोजन के लिए विशेष रोशनी और सुरक्षा व्यवस्थाओं के साथ तैयारियां पूरी कर ली थीं। ऐसे में पुतले के दहन के लिए कोई वैकल्पिक उपाय किया जाए। वहीं, एसपी सिटी चक्रपाणि तिवारी का कहना है की अयोध्या में किसी नई परंपरा की अनुमति नहीं दी जा सकती। डेढ़ महीने से हो रही थी तैयारी
रामलीला समिति के संस्थापक और अध्यक्ष सुभाष मलिक बॉबी ने भावुक होते हुए कहा- बड़े दुख और पीड़ा के साथ हमें यह बताना पड़ रहा है कि हमारी रामलीला के रावण दहन की अनुमति अंतिम समय पर रद्द कर दी गई है। इस पुतले की तैयारी पिछले डेढ़ महीने से अलग-अलग जगहों पर की जा रही थी। यह अब तक का सबसे विशाल रावण पुतला होता। उन्होंने कहा कि राम राज्य में रावण का दहन न हो, ऐसा कैसे हो सकता है? यह हमारी संस्कृति और परंपरा पर सवाल है। 2020 में हुई थी रामलीला की शुरुआत
अयोध्या की इस रामलीला की शुरुआत साल 2020 में कोरोनाकाल के दौरान हुई थी। जब लोग घरों से नहीं निकल पा रहे थे, तब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अनुमति से इसकी शुरुआत की गई थी। तब यह एकमात्र रामलीला थी, जिसे दूरदर्शन नेशनल पर लाइव प्रसारित किया गया और करोड़ों भक्तों ने घर बैठे इसे देखा। ये विश्व की सबसे बड़ी रामलीला है
समिति का दावा है कि आज अयोध्या की रामलीला दुनिया की सबसे बड़ी रामलीला बन चुकी है। अब तक 51 करोड़ से ज्यादा राम भक्त इसे देख चुके हैं। इस बार दशहरे पर भी श्रद्धालु रावण दहन का इंतजार कर रहे थे, लेकिन अनुमति रद्द होने से निराशा फैल गई है। सुभाष मलिक ने खुद को भाजपा का छोटा कार्यकर्ता बताते हुए कहा कि उन्होंने भगवान राम की जन्मभूमि पर भव्य रामलीला का सपना देखा था, जिसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आशीर्वाद से साकार किया। उन्होंने विनती की कि “अगर राम कथा पार्क में अनुमति नहीं है तो हमें अयोध्या में कोई भी दूसरी जगह दी जाए, जहां हम रावण दहन कर सकें।” ‘सीएम और पीएम कलयुग के राम-लक्ष्मण’
सुभाष मलिक ने प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी को “कलयुग के राम और लक्ष्मण” की जोड़ी बताते हुए कहा कि वे हमारी संस्कृति और परंपरा के रक्षक हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि उनकी विनती सुनी जाएगी और रावण दहन की अनुमति मिलेगी।
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