I Love Mohammad पर जुलूस…नारा लगा सर तन से जुदा:अब फोटो-वीडियो के आधार पर छापेमारी कर रही उन्नाव पुलिस
21 सितंबर को उन्नाव के शुक्लागंज कस्बे में कुछ लोगों ने I Love Mohammad के समर्थन में जुलूस निकाला। इसमें शामिल कुछ लड़कों ने सर तन से जुदा जैसे नारे लगा दिए। इसका वीडियो वायरल हुआ, तो पुलिस एक्टिव हुई। तुरंत घटनास्थल पर पहुंचकर कुछ लड़कों को हिरासत में ले लिया। यह बात जब मोहल्लेवालों को पता चली, तो बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा होने लगे और थाने के घेराव का प्लान बनाया। हाथों में I Love Mohammad के पोस्टर लेकर आगे बढ़े। तभी पुलिस फोर्स ने उन्हें रोक दिया। इसके बाद दोनों पक्षों में विवाद शुरू हो गया। यह कुछ इस कदर बढ़ा कि ईंट-पत्थर चलने लगे। पुलिस की वर्दी नोच दी गई। पुलिस को बल प्रयोग करके लोगों को भगाना पड़ा। सैकड़ों की भीड़ के बीच एक समय तो ऐसा लगा, जैसे अब शुक्लागंज जला। लेकिन प्रशासन और स्थानीय स्तर पर कुछ लोगों की समझदारी से बड़ा बवाल होने से टल गया। अब पुलिस उस बवाल में शामिल लोगों को खोज-खोज कर पकड़ रही है। यह क्यों हुआ, वहां क्या स्थिति उपजी? अभी की स्थिति क्या है? इन सवालों को जानने-समझने भास्कर की टीम उस मोहल्ले में पहुंची। आइए सब कुछ एक तरफ से जानते हैं… इलाके से ज्यादातर युवा फरार हुए
उन्नाव जिला मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर दूर शुक्लागंज कस्बा है। यहीं मनोहर नगर है। ठीक बगल में गंगा नदी का किनारा है। उसके दूसरे साइड से कानपुर शुरू हो जाता है। 4 सितंबर को कानपुर के सैय्यद नगर में बारावफात जुलूस को लेकर तैयारी चल रही थी। आयोजकों ने I Love Mohammad का पोस्टर लगा दिया। यह पहली बार लगाया गया था। इसलिए स्थानीय लोगों ने विरोध किया और धरने पर बैठ गए। हंगामा हुआ। पुलिस आई और जैसे-तैसे उस बैनर को हटवाया। अगले दिन बारावफात का जुलूस निकला। सैय्यदनगर में निकले उस जुलूस में कुछ लोगों ने हिंदू धार्मिक झंडों को फाड़ दिया जिसके बाद पुलिस ने केस दर्ज किया। इस एक घटना के बाद पहले यूपी के अलग-अलग जिलों और फिर देश के अलग-अलग राज्यों में प्रदर्शन शुरू हो गए। हर प्रदर्शन में I Love Mohammad का पोस्टर-बैनर इस्तेमाल किया गया। ऐसा ही एक प्रदर्शन 21 सितंबर को शुक्लागंज में हुआ और भड़काऊ नारे लगे। जिसके बाद हंगामा हो गया। 8 नामजद और 30 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा लिखा गया। दैनिक भास्कर की टीम जब मनोहर नगर में पहुंची, तो दिखा कि ज्यादातर युवा अपना घर छोड़कर कहीं चले गए हैं। जो यहां मौजूद हैं, वो कैमरे पर बात करने से बच रहे। उन्हें डर है कि अगर सामने आए और घटना के बारे में कुछ बताया, तो पुलिस उन्हें भी गिरफ्तार कर सकती है। जिस जगह पर घटना हुई थी, वहां फिलहाल एकदम शांति है। पीएसी और पुलिस के कुछ जवान लगातार गश्त कर रहे हैं। मेरा बेटा हाथ बांधकर खड़ा था, उसे पकड़ने आ गए
मोहल्ले में ही हम आगे बढ़े, तो कुछ पुलिसकर्मी एक घर के सामने महिला से बातचीत कर रहे थे। कुछ देर में सिपाही चले गए, तो महिला से हमने कारण पूछा। वह कहती हैं- मेरा नाम अंजुम है। रविवार को मेरा 18 साल का बेटा अफसार घर से निकलकर चौराहे की तरफ गया था। उसे निकले महज 10 मिनट हुआ होगा। तभी चौराहे पर विवाद शुरू हो गया। मेरे बेटे ने बताया कि अम्मी वहां झगड़ा हो गया, हम दौड़कर भागे, वरना पुलिस हमें भी पकड़ लेती। अब पुलिस वाले उसे गिरफ्तार करने आए हैं। जो फोटो दिखा रहे, उसमें मेरा बेटा हाथ बांधकर एकदम किनारे खड़ा है। अंजुम पुलिस को देखकर बहुत गुस्से में थी। वह कहती हैं- यहां पुलिस अब महिलाओं तक को पीट रही। ये लोग खुद कांड करते हैं और फिर कहते हैं कि वर्दी फाड़ दी गई। अरे आप वर्दी पहनेंगे तो बदतमीजी थोड़ी करेंगे। ऐसे नहीं होगा कि महिलाओं को पीटने लग जाएं। यह सब गलत है। जो गुनहगार हैं, उन्हें पकड़िए। हमारा बेटा तो सिर्फ वहां खड़ा था, अगर वह पत्थर चलाया हो तो फोटो-वीडियो दिखाइए। पुलिस का इतना खौफ की लड़के सुसाइड कर सकते हैं
सैय्यद मो. अनवर हुसैन नूरी कहते हैं- जिस जगह पर यह विवाद हुआ वह खाने-पीने की जगह है। वहां लोग हमेशा ही रहते हैं। उस दिन भी हजारों की संख्या में लोग थे। प्रशासन अब घर आया है और कह रहा कि आपका बेटा भी शामिल है। पुलिस जो फोटो दिखा रही, उसमें वह एक चबूतरे पर दोनों हाथ बांधे खड़ा है। अब पुलिस कह रही कि अपने बेटे को बुलाइए। जबकि वह अगले ही दिन अजमेर शरीफ चला गया। वहां उसकी बहन के घर में शादी है। अनवर हुसैन कहते हैं- हम मदरसे में उर्दू टीचर हैं। उस दिन नमाज पढ़ाकर लौटे, तो घटना के बारे में जानकारी मिली। हमने तो उसी वक्त कहा कि अभी माहौल खराब है, जुलूस वगैरह निकालने की कोई जरूरत ही नहीं। बाकी अभी तो स्थिति यह है कि पूरे मोहल्ले में लड़के डरे-सहमे हुए हैं। यहीं पास में गंगा का किनारा है, बच्चे छलांग लगा सकते हैं। इसलिए प्रशासन से यही गुजारिश है कि बच्चों को बेवजह परेशान न किया जाए। उल्टे-सीधे नारे लगाएंगे, तो गलत ही होगा
मोहल्ले में ही हमारी मुलाकात आरिफ से हुई। वह हंगामे की घटना को लेकर कहते हैं- हमारे घर के बच्चे वहीं गए थे, तो हमारी बेटी उन्हें लाने चली गई। हमारा घर वहां से जरूर 100 मीटर पर है, लेकिन हम लोग नहीं गए। बाद में पता चला कि वो लोग मस्जिद के पास से आए थे। उन लोगों ने गलत नारा लगाया, अगर गलत नारा लगाएंगे तो उनके साथ गलत ही होगा। कई बार गलत के साथ 4 सही लोग भी निपट जाते हैं। आरिफ की पत्नी रूबिया कहती हैं- जिस I Love Mohammad को लेकर प्रदर्शन हो रहा, उसे तो हम बोल भी नहीं पाते हैं। हमारे समय में यह सब नहीं था। बाकी हम लोग मोहम्मद साहब से प्यार करते ही हैं। लेकिन, उसके लिए सड़क पर उतरकर हंगामा नहीं करेंगे। बाकी सुनने में तो यही आया कि पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिसके बाद विवाद हो गया। अब तो हम चाहते हैं कि मामला शांत हो जाए। हम तो चाहते हैं कि कोई भी बवाल ही न हो। सब कुछ अच्छा रहे। नाबालिगों ने नारे लगाए और विवाद बढ़ा
स्थानीय पत्रकार कलीम सिद्दीकी ने इस पूरी घटना को कवर किया था। वह कहते हैं- कानपुर के सैय्यद नगर में आई लव मोहम्मद पोस्टर को लेकर जो विवाद शुरू हुआ, उसके विरोध में रविवार को शुक्लागंज के मनोहर नगर में एक रैली निकाली गई। इसमें ज्यादातर नाबालिग बच्चे थे, जो हाथों में पोस्टर लेकर बाजार में जुलूस निकाल रहे थे। उसी जुलूस में वह लगातार ‘गुस्ताख-ए-नबी की एक सजा, सर तन से जुदा’ का नारा लगा रहे थे। इसका वीडियो जैसे ही वायरल हुआ, पुलिस सक्रिय हुई। मस्जिद में जाकर कुछ लड़कों को थाने लेकर आ गई। लड़कों को थाने में लाने की बात जब उन लोगों के घरवालों में पता चली, तो उन्होंने हंगामा करना शुरू कर दिया। वह थाने की तरफ बढ़ने लगे, तो पुलिस ने उन्हें रोका और समझाने का प्रयास किया। लेकिन, इस दौरान भी लगातार नारेबाजी हो रही थी। इसी बीच पुलिस ने लाठीचार्ज किया। हंगामे की स्थिति बनी तो उसी में एसएचओ गंगाघाट के प्रभारी का स्टार नोचा गया। भीड़ को तितर-बितर कर दिया गया। फिर अब फोटो-वीडियो के आधार पर गिरफ्तारी हो रही है। वीडियो के आधार पर पुलिस छापेमारी कर रही
पुलिस ने घटना से जुड़े वीडियो को ही अपनी जांच का आधार बनाया है। उसमें दिख रहे लड़कों और अन्य लोगों की पहचान करके उनके घर पहुंच रही है। ज्यादातर लड़के इस वक्त घर छोड़कर चले गए हैं। परिवार के बाकी लोग भी घर और मोहल्ले के बाहर नहीं निकल रहे। हम पास में ही मौजूद गंगाघाट कोतवाली पहुंचे। यहां भी कई ऐसे लोग मिले, जिन्हें पुलिस पूछताछ के लिए लाई है। पुलिस का कहना है कि जिसकी संलिप्तता मिलेगी उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। ————————- ये खबर भी पढ़ें… आई लव मोहम्मद का जवाब आई लव शिवा, कानपुर में लोग बोले- पहले अल्लाह मोहम्मद लिखा जाता था यूपी से लेकर देश के कई हिस्सों में ‘I Love Mohammad’ के बैनर और पोस्टर लेकर मुस्लिम सड़कों पर उतर रहे हैं। पुलिस से टकराव हो रहा है, FIR भी हो रही है। लेकिन प्रदर्शन बढ़ते जा रहे हैं। अब हिंदू संगठन भी I Love Shiva के बैनर-पोस्टर लेकर प्रदर्शन करने लगे हैं। दैनिक भास्कर की टीम वहां पहुंची, जहां पहला विवाद हुआ था। उस पहले ‘I Love Mohammad’ लिखे पोस्टर को भी देखा, जिसकी वजह से इतने बड़े लेवल पर प्रदर्शन शुरू हुआ। दोनों पक्षों से बात की। पुलिस की वह FIR भी देखी, जिसके बाद मामला बढ़ा। पढ़िए आखिर वह FIR, जिससे विवाद की शुरुआत हुई। सिर्फ पोस्टर लगाने का मामला था या कुछ और? पहले कैसे आयोजन होता था? हिंदू-मुस्लिम इसे लेकर क्या कहते हैं? पढ़िए पूरी खबर…
Curated by DNI Team | Source: https://ift.tt/kiyb0v5
Leave a Reply