घाघरा नदी का कटान तेज, जमीन-फसलें चपेट में:लगातार घटते जलस्तर से निचले इलाकों में बढ़ा खतरा; 77 सेमी नीचे बह रही
गोंडा जिले में सरयू और घाघरा नदियों का जलस्तर घटने से बाढ़ पीड़ितों को राहत मिली है, लेकिन निचले इलाकों में कटान तेज हो गई है। नदी किनारे बसे ग्रामीणों के कई मकान और फसलें इसकी चपेट में आ गई हैं। तरबगंज तहसील क्षेत्र के दत्तानगर, बाणीमाझा, साकीपुर और चहलवा जैसे इलाकों में सरयू और घाघरा तेजी से जमीन और फसलों का कटाव कर रही हैं। घाघरा नदी में शारदा, गिरिजा और सरयू बैराजों से कुल 77,702 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। पिछले तीन दिनों में लगभग 10 बीघा जमीन और फसलें नदी में समा चुकी हैं। इससे किसानों के सामने आजीविका और भोजन का संकट खड़ा हो गया है, क्योंकि उनकी धान की फसलें भी कटान की भेंट चढ़ रही हैं। गोंडा बाढ़ खंड विभाग ने कटान रोकने के लिए कई बार प्रयास किए, लेकिन वे असफल रहे हैं। ग्रामीण खुद अपनी बर्बाद होती फसलों को देखने के लिए नदी किनारे पहुंच रहे हैं। राजस्व विभाग द्वारा नुकसान का आकलन करके तहसील तरबगंज को आर्थिक मुआवजा के लिए रिपोर्ट भेजी जा रही है। जिला प्रशासन ने किसानों को मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। राजस्व विभाग के अधिकारी सर्वे रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। गोंडा के जिला आपदा विशेषज्ञ राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि प्रशासन नदी के घटते-बढ़ते जलस्तर पर लगातार नजर रख रहा है और प्रभावितों को हर संभव मदद उपलब्ध कराई जा रही है।
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