रामपुर गुरुद्वारे में कड़ी सुरक्षा के बीच हुई अरदास:हिंसक संघर्ष के बाद दूसरे रविवार भी कड़े रहे सुरक्षा इंतजाम

रामपुर के पसियापुरा गुरुद्वारे में हिंसक संघर्ष के बाद दूसरे रविवार को भी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच साप्ताहिक अरदास का आयोजन किया गया। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रार्थना में भाग लिया, लेकिन लंगर और चढ़ावे पर प्रतिबंध जारी रहा। प्रशासन ने विवादित पक्षों को दूर रखते हुए धार्मिक व्यवस्थाओं का संचालन किया। यह गुरुद्वारा प्रबंधन और संचालन को लेकर 15 सितंबर को दो पक्षों के बीच हुए हिंसक संघर्ष के बाद चर्चा में आया था। उस दौरान गुरुद्वारा परिसर में धारदार हथियारों का इस्तेमाल और गोलीबारी हुई थी, जिसके बाद प्रशासन ने गुरुद्वारे को सील कर दिया था और भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। प्रशासन ने प्रत्येक रविवार को होने वाले साप्ताहिक समागम के लिए विशेष व्यवस्था की है। नवाबगंज रोड से गुरुद्वारे तक जाने वाले रास्ते पर बैरिकेडिंग की गई थी। श्रद्धालुओं को दुपहिया वाहन या पैदल प्रवेश की अनुमति थी, जबकि वृद्ध और बीमार लोगों के लिए ई-रिक्शा की व्यवस्था की गई थी। समागम के दौरान, वीर खालसा सेवा समिति के सेवादारों को प्रसाद वितरण और अन्य व्यवस्थाओं के लिए नियुक्त किया गया था। विवाद से संबंधित दोनों पक्षों को गुरुद्वारे से दूर रखा गया। एसडीएम अरुण कुमार, सीओ रविंद्र प्रताप सिंह और प्रभारी निरीक्षक बलवान सिंह सहित अन्य अधिकारी देर शाम तक कानून व्यवस्था पर नजर बनाए रहे। एसडीएम ने बताया कि अरदास शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुई। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, भीड़ को इकट्ठा होने से रोकने के लिए लंगर और किसी नए विवाद से बचने के लिए चढ़ावे पर रोक जारी रखी गई। श्रद्धालुओं को खीर और हलवे का प्रसाद वितरित किया गया।

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