बेगूसराय के सिमरिया गंगा तट पर भगवान भास्कर महोत्सव का आगाज छठ गीत के साथ आकाश गंगा रंग चौपाल के कलाकारों द्वारा किया गया। आयोजन का शुभारंभ जिला कला एवं संस्कृति पदाधिकारी श्याम कुमार सहनी ने किया। जिला प्रशासन तथा कला, संस्कृति एवं युवा विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत नरेश, बलिराम बिहारी, निधि, अंजली ने छठ गीत से किया। टीम ने ‘उग हो सुरुज देव भोरे भिनसरबा, अरग केरे बेरवा’ गाया तो पूरा पंडाल भक्ति भावविभोर हो गया। कलाकारों ने ‘सुतल छलिये बाबा के महलिया’ गीत गाकर बिहार कोकिला, लोक संस्कृति की आवाज़ शारदा सिन्हा को विनम्र श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम का संचालन संस्था के सचिव गणेश गौरव एवं अध्यक्ष डॉ. कुंदन कुमार ने किया। कलाकारों में पल्लवी, अभिलाषा, आरुषि, कविता, माही ने ‘आठही काठ के कोठरिया हो दीनानाथ’, ‘गंगा जी के निर्मल पनिया’ गीत के माध्यम से जल और प्रकृति के प्रति आस्था का संदेश देकर किया। जबकि राजू, निखिल, शिवम, श्याम, रजनीश, बिट्टू, अंकित एवं अंकित राज की टीम ने ‘उठाव डलिया हमरा माथा पर’ गीत गाकर दर्शकों को आनंदित किया। तबला पर संतोष, नाल पर दिनेश दीवाना, पैड पर मोनू एवं बैंजों पर नित्यानंद थे। अमर ज्योति के संयोजन में आयोजित महोत्सव का शुभारंभ करते हुए कला एवं संस्कृति पदाधिकारी श्याम कुमार सहनी ने कहा कि भारत दुनिया का एकमात्र देश है, जहां हम सभी लोग अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देते आ रहे हैं। छठ महापर्व जहां एक तरफ हमें समाजिक सौहार्द से जोड़ने का काम करता है। दूसरी तरफ प्रकृति की रक्षा के लिए भी हमें प्रेरित करता है। सूर्य, नदी, पानी और पेड़ की एक साथ यह महापर्व में करते आ रहेे हैं।
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