भगवान भास्कर की आराधना का महापर्व छठ को लेकर नालंदा जिले के नूरसराय प्रखंड क्षेत्र में तैयारियां अपने चरम पर हैं। इस बार छठ घाटों की सजावट पारंपरिक आस्था के साथ-साथ आधुनिक तकनीक का अनूठा संगम देखने को मिल रहा है। प्रखंड क्षेत्र के खेमन बिगहा होरला पोखर, सूर्य मंदिर तालाब मुजफ्फरपुर, पंचदेव तालाब संगत, जगदंबा स्थान तालाब पपरनौसा, डोईया, बाराखुर्द सहित अन्य प्रमुख छठ घाटों पर पूजा समितियों के सदस्य दिन-रात जुटे हुए हैं। घाटों को भव्य रूप देने के लिए विशेष सजावट की जा रही है ताकि व्रतियों और श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो। 50 फीट ऊंचा सतरंगी फब्बारा बना आकर्षण का केंद्र इस बार सूर्य मंदिर तालाब मुजफ्फरपुर छठ घाट की सजावट कुछ अलग अंदाज में की गई है, जो सभी का ध्यान आकर्षित कर रही है। एसएच 78 से तालाब तक पूजा समिति द्वारा भव्य सजावट की गई है। पूरे घाट पर लाइटिंग की शानदार व्यवस्था की गई है, जो शाम ढलते ही पूरे परिसर को रोशन कर देती है। इस छठ घाट की खासियत तालाब के बीचोंबीच लगाया गया 50 फीट ऊंचा सतरंगी फब्बारा है। यह फब्बारा न केवल व्रतियों बल्कि दूर-दूर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी आकर्षण का मुख्य केंद्र बनने जा रहा है। रात के समय जब यह फब्बारा सतरंगी रोशनी में नहाता है, तो पूरा वातावरण दिव्य हो उठता है। सीसीटीवी से हो रही निगरानी व्रतियों और श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए पूरे छठ घाट को सीसीटीवी कैमरों से लैस किया गया है। इससे घाट पर हर गतिविधि पर नजर रखी जा सकेगी और किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सकेगा। पूजा समिति के सदस्यों ने बताया कि सुरक्षा व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। तालाब के चारों ओर लगे पेड़-पौधे प्रकृति की मनोरम छटा बिखेर रहे हैं। हरियाली और जल का यह संगम छठ पर्व की पवित्रता को और भी बढ़ा देता है। शाम होते ही सतरंगी फब्बारों और लाइटों की रोशनी में यह छठ घाट अत्यंत मनमोहक हो जाता है। हर साल से बेहतर व्यवस्था स्थानीय निवासियों का कहना है कि इस बार की तैयारियां पिछले सभी वर्षों से बेहतर हैं। पूजा समिति के सदस्यों की मेहनत और समर्पण सराहनीय है। व्रतियों को सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। छठ महापर्व बिहार की आस्था और संस्कृति का प्रतीक है। इस लोकपर्व में हर वर्ग, हर समुदाय के लोग बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं। सूर्य देव की उपासना का यह पावन पर्व पर्यावरण संरक्षण और जल संरक्षण का भी संदेश देता है।
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