वाराणसी में किचकेश्वरी देवी मंदिर में विराजमान हुई मां दुर्गा:बाबा मछोदरानाथ दुर्गोत्सव समिति में पंचमी से शुरू हुआ दर्शन-पूजन
उड़ीसा के प्रसिद्ध काली मंदिर किचकेश्वरी की झलक इस वर्ष काशी में देखने को मिल रही है। शहर के मछोदरी पार्क में सजने वाले बाबा मछोदरानाथ दुर्गोत्सव समिति का पंडाल किचकेश्वरी काली मंदिर के स्वरुप में सजाया गया है। इस पंडाल की ऊंचाई 70 फिट। जिसमें दर्शन-पूजन पंचमी तिथि से शुरू हो गए। वाराणसी के तीसरे सबसे बड़े पंडाल में शामिल इस पूजा समिति में 9 गौरी के दर्शन होंगे। साथ ही रोजाना यहां संस्कृति संध्या का भी आयोजन होगा। किचकेश्वरी काली मंदिर का स्वरुप
मछोदरानाथ दुर्गोत्सव समिति के अध्यक्ष राजीव केसरी ने बताया – इस वर्ष हमारी प्रतिमा 9 फिट की है। जिसे मिट्टी, बांस और पुआल से इसी पंडाल के अंदर मूर्तिकार केना पाल ने गढ़ा है। जिसमें प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल हुआ है। इसके अलावा पंडाल का जो बाहर का स्वरुप है। उसे उड़ीसा के प्रसिद्ध किचकेश्वरी काली मंदिर का स्वरुप दिया गया है। जिसका निर्माण 19 अगस्त से शुरू हुआ था और उसे आज पूर्ण कर लिया गया है। इसके लिए कोलकाता के 16 कुशल कारीगर लगे थे। 3 अक्टूबर को होगा विसर्जन
राजीव केसरी ने बताया – प्रतिमा का विसर्जन हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी मछोदरी कुंड में ही होगा। 3 अक्टूबर को भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी। जो विश्वेश्वरगंज, मैदागिन, विश्वेश्वरगंज होकर वापस मछोदरी कुंड पर पहुंचेगी और यहां विसर्जन किया जाएगा। 6 दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम शुरू
हर बार की तरह इस प्रांगण में 6 दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम भी पंचमी से शुरू हो गया। जिसमें अलग-अलग दिन अलग-अलग कार्यक्रम होंगे। इसमें अंतिम दिन 2 अक्टूबर को कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया है। जिसमें दमदार बनारसी और मिर्जापुर के कवि मौजूद रहेंगे।
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