LU में 240 की ईंट,931 रुपये महंगी केबल खरीदी:निर्माण अधीक्षक-अवर अभियंता के खिलाफ शिकायत, PWD नियमों की अनदेखी का आरोप
लखनऊ विश्वविद्यालय में निर्माण विभाग के कार्य अधीक्षक और अवर अभियंता विद्युत पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। इन पर PWD के नियमों को दरकिनार कर 240 रुपए की ईंट और 931 रुपए महंगी केबल खरीदने की शिकायत हुई है। ये शिकायत विश्वविद्यालय के एक छात्र नेता ने की है। उसने कुलपति, कुलसचिव समेत मुख्यमंत्री, राजभवन और उच्च शिक्षा मंत्री को शिकायती पत्र भेजकर कूटरचित अभिलेखों के आधार पर कुल पांच लाख 25 हजार 121 रुपए के गबन का आरोप लगाया है। जिसके आधार पर LU प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है। न्यू कैंपस में निर्माण से जुड़ा है मामला कार्तिक पांडेय का आरोप है कि वर्ष 2024 में 25 सितंबर को द्वितीय परिसर के IMS से अभियांत्रिकी संकाय भवन तक केबिल लेइंग कार्य संबंध में जारी निविदा में भारी वित्तीय अनियमितता बरती गई है। निविदा के बिन्दु एक में 400 स्कवायर एमएम केबिल लेइंग कार्य की कुल लम्बाई 390 मी. थी। बिल आफ क्वांटिटी में इस्टीमेंट दर 3793 रुपए प्रति मी. ली गई। जबकि वर्ष 2024 में जून माह में उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग की ओर से जारी विद्युत दर अनूसूची के अनुसार यह दर 2861.16 रुपए प्रति मीटर होनी चाहिए। छात्र नेता ने 390 मी. केबिल लेइंग के काम में 931.84 रुपए प्रति मीटर की दर से अनियमित भुगतान और विश्वविद्यालय को कुल 4,28,832 रुपए की क्षति का आरोप लगाया। साथ ही अवर अभियन्ता विद्युत और कार्य अधीक्षक को तत्काल पद से हटाते हुए दोषियों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही करने की मांग उठाई है। 240 रुपए प्रति ईंट की दर से टेंडर हुआ कार्तिक पांडेय ने निर्माण विभाग पर आरोप मढ़ा कि इसी निविदा के क्रमांक आठ पर 340 दर की आपूर्ति के लिए 240 रुपए प्रति ईंट की दर से टेंडर जारी किया गया, जिसमें जीएसटी को जोड़ते हुए गबन किया गया। यह दरें भी बाजारी कीमतों और उप्र. लोक निर्माण विभाग द्वारा तय दरों से अधिक हैं। आरोपों की होगी जांच लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रवक्ता मुकुल श्रीवास्तव ने बताया कि निर्माण विभाग के कार्य अधीक्षक और अवर अभियंता विद्युत के खिलाफ अनियमितता और गबन से जुड़ा शिकायती पत्र प्राप्त हुआ है। विश्वविद्यालय प्रशासन इन आरोपों की जांच कर रहा है।
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