अयोध्या की रामलीला के 6 वें दिन श्रीराम-भरत का मिलाप:भरत और कैकई का संवाद रहा आकर्षण का केंद्र, कैकेयी को अपनी भूल का हुआ एहसास

अयोध्या की रामलीला के छठे दिन होने वाला श्रीराम-भरत मिलाप का प्रसंग विशेष आकर्षण का केंद्र रहा। जहां भरत राम से पिता दशरथ की मृत्यु का समाचार और कैकेयी की गलती के बारे में बताया। यह प्रसंग भरत के अपनी मां कैकेयी के प्रति क्रोध, और राम के सामने अपना दुःख व्यक्त करने के कारण महत्वपूर्ण रहा। साथ ही कैकेयी ने भी अपनी भूल का पश्चाताप किया। राजा दशरथ की मृत्यु के बाद जब भरत और शत्रुघ्न को कैकेय देश से अयोध्या वापस बुलाया जाता है, तो वे चित्रकूट में भगवान श्रीराम से मिलते हैं। भरत, श्रीराम को पिता दशरथ की मृत्यु का दुखद समाचार देते हैं और उनके पैरों में पड़कर अयोध्या वापस चलने का आग्रह करते हैं। भरत माता कैकेयी पर हुए क्रोधित
राम के वनवास और भरत के राजा बनने के वचनों के बारे में सुनकर भरत क्रोधित हो जाते हैं, और कैकेयी को डांटते हैं। कैकेयी को अपनी भूल का एहसास होता है और वह अपने किए पर पश्चाताप करती हैं। राम अपने पिता के वचनों का सम्मान करते हुए अयोध्या लौटने से मना कर देते हैं, लेकिन भरत को अपना खड़ाऊ साथ ले जाकर सिंहासन पर रखने की आज्ञा देते हैं। अयोध्या की रामलीला में 1 अक्टूबर को दोपहर को बारह बजे भगवान राम की कथा संगीत में करने आ रहे हैं। सांसद भोजपुरी सुपरस्टार मनोज तिवारी के भजन से इस दिन दोपहर को भगवान राम की नगर गूंजेगी। रामलीला के संस्थापक अध्यक्ष सुभाष मलिक ने कहा कि बड़ी खुशी है कि हमारे सांसद हमारी अयोध्या की रामलीला के फाउंडर संसद जिनकी छत्रछाया में अयोध्या की रामलीला होती है, वो आ रहे हैं राम भक्तों को भगवान राम की भक्ति में लीन करने और उनका आशीर्वाद पाने। अयोध्या की रामलीला के फाउंडर अध्यक्ष सुभाष मलिक और महासचिव शुभम मलिक ने कहा कि अयोध्या की रामलीला विश्व की सबसे बड़ी रामलीला है और यह अयोध्या की रामलीला भगवान श्री राम के आशीर्वाद से होती है।

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