मिल्कीपुर में SDM न्यायिक का बहिष्कार जारी:अधिवक्ता कार्यशैली पर सवाल उठा रहे, हटाने की मांग पर न्यायिक कार्य ठप; वादकारी परेशान
मिल्कीपुर तहसील में न्यायिक व्यवस्था इन दिनों गंभीर संकट से गुजर रही है। जिले के मिल्कीपुर बार एसोसिएशन ने एसडीएम न्यायिक के खिलाफ पूर्ण बहिष्कार का ऐलान कर रखा है। इसके चलते तीन दिनों से न्यायिक कार्य पूरी तरह से ठप पड़ा है। इस स्थिति ने वादकारियों की परेशानी को कई गुना बढ़ा दिया है, जो वर्षों से अपने मामलों में न्याय की आस लगाए कोर्ट के चक्कर काट रहे हैं। बहिष्कार की शुरुआत एक आपात बैठक से यह बहिष्कार 23 सितम्बर को आयोजित एक आपात बैठक के बाद शुरू हुआ था, जिसमें बार एसोसिएशन के सभी सदस्यों ने एकमत होकर उप जिलाधिकारी न्यायिक की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए। अधिवक्ताओं का आरोप है कि संबंधित अधिकारी का व्यवहार अनुचित है और वे न्यायिक प्रक्रिया में अधिवक्ताओं का उत्पीड़न करते हैं। जिसको लेकर बैठक हुई थी बैठक में सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित किया गया था कि जब तक उप जिलाधिकारी न्यायिक का स्थानांतरण नहीं होता, अधिवक्ता उनके न्यायालय में कोई भी कार्य नहीं करेंगे। बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने किया नेतृत्व इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश पाण्डेय और मंत्री सूर्य नारायण द्विवेदी ने किया। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि “यह बहिष्कार किसी व्यक्तिगत रंजिश का परिणाम नहीं, बल्कि न्यायिक प्रणाली को बचाने की लड़ाई है। अध्यक्ष रमेश पाण्डेय ने कहा,“हम बार-बार संयम बरतते रहे, लेकिन अब पानी सिर के ऊपर जा चुका है। जब तक उप जिलाधिकारी न्यायिक को हटाया नहीं जाएगा, तब तक कोई भी अधिवक्ता उनके न्यायालय में उपस्थित नहीं होगा। वादकारियों का फूटा दर्द विवाद के बीच सबसे अधिक नुकसान वादकारियों को हो रहा है, जो अपने मामलों की सुनवाई के लिए दूर-दराज से आते हैं। एक वादकारी, रामसेवक यादव ने बताया,”मैं अपने जमीन विवाद के मामले में पिछले ढाई साल से अदालत के चक्कर लगा रहा हूं। लेकिन कभी हड़ताल होती है, तो कभी अधिकारी और अधिवक्ता में विवाद। आम जनता जाए तो जाए कहां जाएं।
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