10 पर FIR, 39 अरेस्ट, उपद्रवियों पर पुलिस की नजर… बरेली में हिंसा के लिए 5 दिन पहले हुई थी प्लानिंग
बरेली में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद ‘आई लव मोहम्मद’ का नारा लगाने के बाद हुए बवाल पर पुलिस का एक्शन जारी है. उपद्रवियों पर लगातार पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा है. पुलिस ने हिंसा के मामले में इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा समेत 8 लोगों को जेल भेजा है. 10 एफआईआर में से 7 में तौकीर रजा का नाम है, 39 लोगों को हिरासत में लिया गया है. अन्य आरोपियों के खिलाफ भी पुलिस का एक्शन जारी है. पुलिस का कहना है कि हिंसा की प्लानिंग पिछले पांच दिनों से की जा रही थी, जिसके बाद सुनियोजित तरीके से शुक्रवार को प्रदर्शन के दौरान पथराव और फायरिंग की. पुलिस को मौके से तमंचे, पेट्रोल की बॉटल, लाठी-डंडे बरामद हुए है. इस हिंसा में करीब 20 पुलिसकर्मी घायल हुए.
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, आई लव मोहम्मद के नाम पर प्रदर्शन के लिए तौकीर रजा ने लोगों एक जुट होने की अपील की थी. जुमे की नमाज के बाद भारी संख्या में लोग जुटे थे. और आई लव मोहम्मद का नारा लगाकर प्रदर्शन कर रहे थे. इस दौरान पुलिस से झड़प हुई, जिसके बाद उपद्रवियों ने पथराव और फायरिंग की. हिंसा के दौरान पुलिस कर्मियों को चोंटे आईं. शुक्रवार रात को तौकीर रजा ने एक वीडियो जारी किया गया था, जिसमें उन्होंने कहा कि उन्हें लोगों संबोधित करने से रोका गया है, और नजरबंद कर दिया गया है.
उपद्रवियों के खिलाफ एक्शन जारी
हिंसा के मामले में तौरीक रजा के खिलाफ पुलिस को सबूत मिले हैं, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस ने तौकीर रजा समेत 8 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है. हालांकि रजा पहले ही गिरफ्तारी का अंदेशा जताया था. अब तक 10 एफआईआर दर्ज की गई हैं जिसमें 7 में तौकीर रजा का नाम है. पुलिस मौलाना तौकीर रजा को हिंसा का मास्टमाइंड मान रही है. पुसिस का दावा है कि रजा के खिलाफ कई सबूत मिले हैं. लोगों को इकट्ठा करने और योजना को साझा करने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया गया. उपद्रवियों के खिलाफ पथराव, हिंसा और फायरिंग के तमाम सबूत हैं. हथियार भी बरामद किये गए हैं.
पांच दिन पहले से चल रही थीं तैयारियां
आई लव मोहम्मद के समर्थन में प्रदर्शन के लिए पिछले पांच दिन से तैयारियां चल रही थीं. मौलाना तौकीर रजा ने 19 सितंबर को लोगों से एकजुट होने का एलान किया था. शुक्रवार को वह इस्लामिया इंटर कॉलेज मैदान में विरोध-प्रदर्शन करने के लिए जमा होने का ऐलान किया था. इसके बाद कलक्ट्रेट जाकर राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन डीएम को सौंपने की बात कही गई थी. हालांकि इसके लिए पुलिस-प्रशासन की तरफ से कोई अनुमति नहीं दी गई थी. वहीं हिंसा के एक दिन पहले बृहस्पतिवार को रात 12 बजे पुलिस अधिकारियों ने आईएमसी की ओर से एक लेटर जारी किया था जिसमें कार्यक्रम स्थगित किए जाने की जानकारी दी गई थी.
इस्लामिया इंटर कॉलेज मैदान जाने पर अड़े थे उपद्रवी
जुमे की नमाज के बाद लोग प्रदर्शन करने लगे. पुलिस ने लोगों को रोकने और समझाने की कोशिश की. लेकिन कुछ देर बाद भीड़ हिंसक हो गई और इस दौरान लोग इस्लामिया इंटर कॉलेज मैदान जाने पर अड़े थे. जैसे ही भीड़ ने इस्लामिया इंटर कॉलेज मैदान की और मार्च करने का प्रयास किया, पुलिस ने उन्हें खलील तिराहा पर रोकने का प्रयास किया. इसके बाद ही प्रदर्शनकारियों ने पथराव शुरू कर दिया और वाहनों और दुकानों में तोड़फोड़ की.
2010 के दंगे का भी है आरोप
बरेली में बवाल के बाद आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा का नाम एक बार फिर चर्चा में है. पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है. आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा पर 2010 में बरेली में हुए दंगे का भी आरोप है. इतना ही नहीं मौलाना ने ज्ञानवापी ढांचे में पूजा शुरू होने के बाद भी जेल भरो आंदोलन की घोषणा की थी. ये पहले बार नहीं है जब मौलाना चर्चा में हों. पहले भी विवादित बयानबाजी कर चुके हैं.
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