NCR-NDRF की ज्वाइंट मॉक ड्रिल में सुरक्षा अभ्यास:रेलवे अफसर बोले दुर्घटना के बाद बचाव राहत की

उत्तर मध्य रेलवे के प्रयागराज मंडल से जुड़े टूंडला जंक्शन पर शनिवार को 8वीं बटालियन एनडीआरएफ गाज़ियाबाद की ज्वाइंट मॉक ड्रिल कराई है। मार्क ड्रिल मे रेलवे के परिचालन, इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल, सिविल डिफेंस, मेडिकल, स्काउट एवं गाइड, एआरटी और एआरएमवी टीमों के साथ ही फिरोज़ाबाद जिले का पुलिस प्रशासन, चिकित्सा विभाग और फायर ब्रिगेड की टीमें भी शामिल रहीं। एनसीआर के सीपीआरओ शशि कान्त त्रिपाठी ने बताया, मार्क ड्रिल का मकसद रेल दुर्घटना जैसी इमर्जेंसी में राहत और बचाव कार्यों के दौरान रेलवे, एनडीआरएफ और जिला प्रशासन के बीच त्वरित समन्वय बनाकर अधिकतम जान-माल की रक्षा सुनिश्चित करना था। सुबह 9:35 बजे परिकल्पित परिदृश्य के तहत गाड़ी संख्या 09221 आनंद विहार–पटना एक्सप्रेस के एक कोच में आग लगने की सूचना दी गई। सूचना मिलते ही रेलवे, एनडीआरएफ, फायर ब्रिगेड, पुलिस और मेडिकल टीम सक्रिय हो गईं। मौके पर पहुंचकर रेलवे और फायर कर्मियों ने आग पर काबू पाया। जबकि एनडीआरएफ ने कोच की खिड़की और छत को काटकर अंदर फंसे यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला। घायल यात्रियों को तत्काल प्राथमिक चिकित्सा उपलब्ध कराई गई और गंभीर घायलों को एम्बुलेंस से अस्पताल भेजा गया। एनडीआरएफ गाज़ियाबाद के सहायक कमांडेंट अनिल कुमार के नेतृत्व में 32 सदस्यों की टीम ने इस अभ्यास में हिस्सा लिया। इस दौरान लगभग 200 से अधिक रेलवे, जिला प्रशासन और सुरक्षा बलों के अधिकारी-कर्मचारियों ने भी सक्रिय भागीदारी निभाई। अभ्यास के बाद मंडल रेल प्रबंधक (परिचालन) मुबश्शिर वारिस ने कहा कि ऐसे प्रयोगों से रेलवे अपनी आपदा-तैयारी को और बेहतर करेगा। एनडीआरएफ सहायक कमांडेंट अनिल कुमार ने बताया कि मॉक ड्रिल से टीमों की दक्षता और उपकरणों की उपयोगिता की जांच होती है और इसमें सामने आने वाली चुनौतियों से सीख लेकर तैयारियों को और मजबूत किया जा सकता है। वरिष्ठ मंडल संरक्षा अधिकारी यू.सी. शुक्ला ने कहा कि आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई और स्थानीय संसाधनों का उपयोग सबसे अहम होता है। संयुक्त मॉक ड्रिल ने यह साबित किया कि रेलवे, एनडीआरएफ और जिला प्रशासन आपदा की स्थिति में जान बचाने और नुकसान कम करने में निर्णायक भूमिका निभा सकता है।

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