मुस्कान नास्तिक थी, सात्विक कैसे हो गई:मां बोली- कभी पूजा नहीं किया; साइकोलॉजिस्ट ने कहा- वो खुद को बदलने का दिखावा कर रही

मेरठ के चर्चित सौरभ हत्याकांड की आरोपी मुस्कान जेल में सात्विक हो गई है। जेल में वह हर दिन पूजा-पाठ करती है। श्रीरामचरितमानस का पाठ और हर मंगलवार सुंदरकांड सुनती है। जन्माष्टमी और नवरात्रि का व्रत रख रही है। मुस्कान की मां कविता रस्तोगी बताती हैं- घर में मुस्कान ने कभी पूजा-पाठ नहीं किया। अब मैं सुन रही हूं कि वो जेल में बहुत धार्मिक हो गई है। वह अचानक सात्विक कैसे हो गई? जबकि वह नास्तिक थी। यह सब उसका दिखावा है। साइकोलॉजिस्ट कहती हैं कि यह एक प्रकार का मानसिक बचाव है। इससे वह दूसरों को यह दिखा सके कि अब बदल गई है। जेल जाने के बाद मुस्कान में क्या बदलाव हुए वो पढ़िए- रामायण पढ़ रही, सुंदरकांड पाठ भी सुनती पति सौरभ के कत्ल के आरोप में 19 मार्च को मुस्कान और उसके प्रेमी साहिल को जेल लाया गया था। शुरुआती दिनों में मुस्कान ने सिलाई-कढ़ाई की ट्रेनिंग ली, जबकि साहिल खेती का काम करता है। छह महीने पहले मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट के सांसद अरुण गोविल जेल में बंदियों को श्रीरामचरितमानस वितरित करने पहुंचे थे। उस समय मुस्कान ने अरुण गोविल के हाथों श्रीरामचरित मानस ली। मुस्कान जेल में अपने साथ ये श्रीरामचरित मानस रखती है। सांसद से श्रीरामचरित मानस लेने के बाद मुस्कान उसे पढ़ना चाहती थी, लेकिन वह 9 तक पढ़ी है। वह हिंदी तो पढ़ लेती है, मगर चौपाइयां नहीं पढ़ पाती है। इसके लिए उसने वह अपनी बैरक में मौजूद एक बुजुर्ग महिला से मदद मांगी। अब वह उन्हीं से श्रीरामचरितमानस सुन रही है। इसके अतिरिक्त, जेल में हर रोज श्रीरामचरित मानस पाठ होता है, मुस्कान वहां जाकर सुनती है। हर मंगलवार वो सुंदरकांड भी सुनती है। जेल में रखा जन्माष्टमी का व्रत मुस्कान ने कृष्ण जन्माष्टमी का उपवास भी रखा था। जेल मैनुअल के अनुसार, उसे व्रत का भोजन उपलब्ध कराया गया। वहां उसका पूरा ख्याल रखा गया। रात 12 बजे मुस्कान ने पूजा के बाद अपना व्रत खोला, तब मुस्कान ने साथ की महिला बंदियों से कहा था- वो कृष्ण जैसा बेटा चाहती है। उसने कहा था कि श्रीकृष्ण का जन्म भी कारागार में हुआ था। इस समय वो भी कारागार में है और गर्भवती है। इसलिए वो चाहती है कि वो कृष्ण जैसे बेटे को जन्म दे। नवरात्रि में उपवास कर रही मुस्कान अब मुस्कान ने नवरात्रि का व्रत भी रखा है। गर्भवती होने के कारण वो पूरे 9 दिन का उपवास नहीं कर सकती। इसलिए जेल के डॉक्टरों ने उसे 9 दिन के व्रत नहीं रखने की सलाह दी थी। मुस्कान ने पूरे 9 दिन का व्रत नहीं किया है, लेकिन शुरुआत और अष्टमी का व्रत मुस्कान कर रही है। वहीं, उसके बॉयफ्रेंड साहिल ने भी नवरात्रि में व्रत किया है। साहिल इन दिनों जेल में खेती, किसानी, बागवानी कर रहा है। साहिल को जेल में हर महीने इस काम के लिए मेहनताना भी मिल रहा है। उसे महीने पर 1000 रुपए की सैलरी मिलती है। ये सैलरी अभी जमा हो रही है, जो बाद में साहिल को दी जाएगी। अब पढ़िए मुस्कान की मां ने क्या कहा उसने घर में कभी पूजा-पाठ नहीं किया, ये सब उसका दिखावा मुस्कान की मां कविता रस्तोगी बताती हैं- मुस्कान को मुझसे बेहतर कौन जान सकता है। वह यहीं पली पढ़ी। उसने कभी भी कोई व्रत नहीं रखा। कभी पूजा पाठ भी नहीं की। जब उसकी सौरभ से शादी हुई, इसके बाद भी उसमें कोई बदलाव नहीं आया। सौरभ इंडिया में होते या लंदन में रहते, उस दौरान भी मुस्कान ने कभी अगरबत्ती-दीपक नहीं जलाई। उसे बस अपना ही ख्याल रहता था। बेटी पीहू को भी अक्सर हमारे ही पास छोड़ जाती थी। उसे कोई ज्ञान नहीं था। जब भी मैं यहां उसे पूजा के लिए कहती तो मना कर देती थी। कभी किसी मंदिर नहीं गई। मंदिर क्या, कोई भी धार्मिक स्थल नहीं गई। अब वह जेल में धार्मिक बन रही है। यह सिर्फ उसका ढोंग है। वह दिखावा कर रही है। दुनिया के सामने भला बनने की कोशिश कर रही है। साइकोलॉजिस्ट बोलीं- मुस्कान दिखाना चाह रही है कि वह बदल गई सीनियर साइकोलॉजिस्ट और मनोविज्ञान विशेषज्ञ डॉ. कशिका जैन कहती हैं- जेल में बंद मुस्कान में बदलाव यह साधारण परिवर्तन नहीं है, बल्कि यह उसके भीतर चल रही गहन मानसिक हलचलों का परिणाम है। जब कोई व्यक्ति इतना गंभीर अपराध करता है, तो उसके मन में अपराधबोध और आत्मग्लानि बहुत गहराई से घर कर जाती है। जेल जैसी सीमित और नियंत्रित स्थिति में यह भावनाएं और तीव्र हो जाती हैं। ऐसे में व्यक्ति धर्म, प्रार्थना और पूजा को सहारा बनाता है। यह एक प्रकार का मानसिक बचाव है, जिससे वह स्वयं को और दूसरों को यह दिखा सके कि अब वह बदल गया है। साथ ही यह आत्मा को शांति और अपराधबोध से मुक्ति पाने का प्रयास भी होता है। कभी यह परिवर्तन सच्चा होता है और कभी यह केवल छवि सुधारने की रणनीति भी हो सकता है। कई बार आरोपी यह दिखाना चाहता है कि वह अब धार्मिक और शांत है, ताकि उसे अधिकारियों की सहानुभूति और दंड में रियायत मिल सके। ऐसे मामलों में परिवर्तन तीन स्तरों पर देखा जा सकता है 1. व्यक्तिगत स्तर पर- अपने अपराधबोध को कम करने और आत्मा को संतुलन देने का प्रयास।
2. सामाजिक स्तर पर- दूसरों की नजरों में स्वयं को “सुधरा हुआ” दिखाने की कोशिश, ताकि भविष्य में परिवार और समाज से स्वीकृति मिल सके।
3. मनोवैज्ञानिक स्तर पर- जेल के एकाकीपन, चिंता और मानसिक दबाव से जूझने के लिए आध्यात्मिकता को साधन बनाना। मुस्कान धर्म के अनुसार कर रही पूजा-पाठ
वरिष्ठ जेल अधीक्षक वीरेश राज शर्मा ने बताया- मुस्कान गर्भवती है, उसे अलग बैरक में गर्भवती महिलाओं के साथ रखा गया है। उसका 27 अगस्त को अल्ट्रासाउंड कराया गया था। तब वह करीब 26 सप्ताह की प्रेग्नेंट थी। जेल में कोई भी बंदी अपने धर्म के अनुसार पूजा-पाठ कर सकते हैं। मुस्कान भी पूजा करती है। वो अन्य महिला बंदियों से रामायण भी सुनती है। जन्माष्टमी का व्रत भी रख चुकी है, अब नवरात्रि व्रत भी कर रही है। उसने 9 दिन के व्रत की इच्छा जताई थी, लेकिन प्रेग्नेंसी की वजह से डॉक्टरों ने उसे 9 दिन व्रत न रखने की सलाह दी थी, अब उसने 2 व्रत रखे हैं। …………………………. ये खबर भी पढ़िए- नीला ड्रम 30 मिनट काटा, 3 टुकड़ों में मिली लाश:मेरठ कोर्ट में ड्रम कटर बोला- जज साहब, मुस्कान-साहिल ने सौरभ को बेरहमी से मारा ‘जज साहब ! ड्रम काटने में मुझे 30 मिनट लगे। सीमेंट तोड़ी, तो उसमें 3 टुकड़ों में पूरी बॉडी थी। दो कपड़े के बैग मिले। इनमें एक में सौरभ का सिर था। आंख-कान में सीमेंट भरा था। दूसरे बैग में एक उस्तरा था। जबकि एक काले रंग की पन्नी में हाथों के पंजे थे। बॉडी देखकर लग रहा था कि मैं भाग जाऊं। बॉडी देखने के बाद मुझसे रुका नहीं गया। मुस्कान-साहिल ने सौरभ को बहुत ही बेरहमी से मारा। दोनों को कड़ी से कड़ी सजा मिले।’ पढ़ें पूरी खबर

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