Ladakh Violence: 6000 की भीड़, पत्थरबाजी और जवानों पर हमला… लद्दाख DGP ने बताया कैसे सोनम वांगचुक ने बिगाड़े हालात?
Ladakh Violence News: लद्दाख के लेह में हुई हिंसा के बाद लगातार कर्फ्यू जारी है. वहीं, जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को गिरफ्तार कर लिया गया है. इस बीच लद्दाख के डीजीपी डॉ. एसडी सिंह जामवाल ने कहा कि 24 सितंबर को यहां एक बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी. लद्दाख के इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था. कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ गई और बड़े पैमाने पर हिंसा, तोड़फोड़ और आगजनी हुई. 4 लोगों की जान चली गई और बड़ी संख्या में नागरिक, पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवान घायल हुए.
उन्होंने कहा कि लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद से ही यहां छठी अनुसूची और राज्य का दर्जा देने की राजनीतिक मांग उठ रही है. लेह अपेक्स बॉडी और केडीए ने सरकार के साथ लंबी चर्चा की है. यह एक सतत प्रक्रिया है, लेकिन इस प्रक्रिया को विफल करने और बिगाड़ने के प्रयास भी किए जा रहे थे. एक तथाकथित पर्यावरण कार्यकर्ता और ऐसे ही अन्य समूहों, जिनकी विश्वसनीयता पर प्रश्नचिह्न है, ने इस मंच को हाईजैक करने का प्रयास किया. इसमें पहला नाम सोनम वांगचुक का है. उन्होंने पहले भी इस प्रक्रिया को पटरी से उतारने के लिए कुछ कहा और किया भी.
शरारती तत्वों को आमंत्रित किया गया- DGP
डीजीपी ने कहा कि भूख हड़ताल को एक ऐसा मंच बनाया गया था जहां शांति और कानून व्यवस्था को बिगाड़ने के लिए तत्वों को आमंत्रित किया गया था. 25-26 सितंबर को दिल्ली में प्रारंभिक वार्ता की योजना पहले ही बन चुकी थी. हैरानी की बात यह है कि 24 सितंबर को एक बड़ा समूह इकट्ठा हुआ और इसमें बड़ी संख्या में असामाजिक तत्व शामिल हो गए. 5000-6000 लोगों के एक समूह ने मार्च किया और यहां सरकारी इमारतों और पार्टी कार्यालयों को नुकसान पहुंचाया. उन्होंने पथराव किया और सुरक्षाबलों पर हमला किया.
Leh: Speaking on 24th Sept violence, Ladakh DGP Dr. S.D Singh Jamwal says, “CRPF jawans were brutally beaten up, one jawan is still in hospital with a serious spinal injury…4 women Police personnel were in the same building when it was set on fire…An even bigger mob came here pic.twitter.com/q4BIFv09qy
— ANI (@ANI) September 27, 2025
जवान की तोड़ दी रीढ़ की हड्डी- डीजीपी
उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ जवानों को बेरहमी से पीटा गया, एक जवान के रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट लगी है, जो अभी भी अस्पताल में है. जब एक इमारत में आग लगाई गई तब 4 महिला पुलिसकर्मी भी उसी इमारत में थीं. एक और भी बड़ी भीड़ आई और इमारत पर हमला किया. आत्मरक्षा में गोलीबारी की गई और 4 लोगों की जान चली गई. पहले दिन 32 लोग गंभीर रूप से घायल हुए और उसके बाद कई और घायल हुए. मुझ पर भी हमला हुआ, लेकिन मैं सौभाग्य से मामूली चोटों के साथ बच गया. गंभीर रूप से घायल कर्मियों में से 17 सीआरपीएफ के और 15 लद्दाख पुलिस के थे, बाद में यह संख्या बढ़कर 70-80 हो गई. 70-80 नागरिक भी घायल हुए. उनमें से 7 गंभीर रूप से घायल थे, एक लड़की को एडवांस्ड मेडिकल हेल्थ के लिए दिल्ली ले जाया गया. 6-7 लोग अभी भी लद्दाख के अस्पताल में भर्ती हैं.
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