मूंग दाल की ही नहीं, भारत में बनती हैं ये 10 अलग-अलग तरह की खिचड़ी, नाम भी जान लें
खिचड़ी ज्यादातर लोगों के लिए एक कम्फर्ट फूड है. खासतौर पर मूंग दाल की वेजिटेबल खिचड़ी कई सेलिब्रिटीज को भी बेहद पसंद है, क्योंकि ये टेस्टी होने के साथ काफी हेल्दी भी होती है. इसके अलावा लोग चना दाल, अरहर दाल, उड़द दाल की भी खिचड़ी बनाते हैं. हमारे देश में पहनावे से लेकर बोलचाल, परंपराओं और स्वाद में भी विविधता देखने को मिलती है. यही चीज में हमें सबसे खास बनाती है. क्या आपको पता है कि भारत में अलग-अलग राज्यों में खिचड़ी को भी डिफरेंट तरीकों से बनाया जाता है और इनका नाम भी अलग-अलग है. स्वाद लोगों को जोड़ने का काम करता है, इसलिए आपको भी खिचड़ी के इन यूनिक टेस्ट को एक बार ट्राई करना चाहिए.
मूंग दाल, उड़द दाल, अरहर दाल से बनने वाली सादा खिचड़ी तो आपने कई बार खाई होगी, लेकिन इसी खिचड़ी के कई अलग-अलग रूप हैं और स्वाद भी अनोखा होता है. जिस तरह से राज्यों के बदलते ही बोली और पहनावा बदलता है, वैसे ही खाना बनाने के तरीकों में भी बदलाव आता है. इस स्टोरी में जानेंगे अलग-अलग जगहों पर बनने वाली 10 तरह की खिचड़ी के बारे में.
पश्चिम बंगाल में बनने वाली किचुरी
बंगाल में भी आपको कई तरह के अलग-अलग पारंपरिक, माछेर झोल, चिंगारी मलाई करी, कोशा मंगशो, भापा पोटोल, जैसी डिशेज का जायका मिल जाएगा. यहां पर बनने वाली खिचड़ी को स्थानीय भाषा में किचुरी कहा जाता है. इसे चावल, मूंग दाल के साथ बनाते हैं और इसमें आलू, टमाटर, मटर जैसी सब्जियों को एड किया जाता है. घी और अदरक के अलावा इसमें बेसिक मसाले डाले जाते हैं.
गुजराती खिचड़ी और कढ़ी
गुजरात में पारंपरिक ट्रेडिशनल खिचड़ी रेसिपी की बात करें तो इसे चावल और अरहर की दाल के साथ, बेसिक मसाले जैसे हल्दी-मिर्च, नमक के साथ बनाया जाता है. इस खिचड़ी को खट्टी-मीठी कढ़ी के साथ परोसा जाता है, जो काफी टेस्टी कॉम्बिनेशन है.

(Image: videsh_me_desi_food)
महाराष्ट्र का दालाम्बी भात
पूरड़-पोली से लेकर मालपुआ तक महाराष्ट्र में भी कई ऐसी पारंपरिक डिशेज हैं जो देशभर में पसंद की जाती हैं. यहां पर अंकुरित दाल (स्प्राउट्स) और चावल से बनने वाली खिचड़ी को दालाम्बी भात कहा जाता है जो स्वादिष्ट होने के साथ ही पोषक तत्वों से भी भरपूर होती है. इसमें सरसों के तेल का तड़का लगता है, जिसमें प्याज, टमाटर, लहसुन के साथ ही गोडा मसाला जाता है. इस मसाले को सूखे नारियल, साबुत लाल मिर्च, सफेद तिल, साबुत धनिया, काली मिर्च, लौंग, तेजपत्ता, दालचीनी, हींग, के साथ बनाया जाता है. इसका स्वाद कमाल का होता है.
राजस्थान की बाजरा खिचड़ी
पारंपरिक स्वाद की बात करें तो राजस्थान की भी अपनी एक लेगेसी है. यहां पर बनने वाले दाल-बाटी चूरमा के बारे में तो ज्यादातर लोग जानते हैं, लेकिन राजस्थान में बाजरा की खिचड़ी भी बहुत पसंद की जाती है. जिसे मसालें को साथ बनाया जाता है और लहसुन की चटनी, दही, अचार, ढेर सारे देसी घी के साथ परोसते हैं.

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उत्तराखंड के गढ़वाल की खिचड़ी
गढ़वाली खिचड़ी, जिसे तिल खिचड़ी के नाम से भी जानते हैं. ये उत्तराखंड में बनने वाली ट्रेडिशनल खिचड़ी है. जिसमें चावल और उड़द दाल के साथ सफेद तिल भी डाले जाते हैं. ये खिचड़ी एनर्जी देती हैं. इसके लिए चावल-दाल को भिगोकर रख दिया जाता है और तिल को भूनकर पीस लेते हैं. इसके बाद जीरा, हींग, लाल मिर्च पाउडर, हल्दी, जैसे मसालों के साथ देसी घी या तेल में मसाला तैयार करके चावल-दाल और तिल को डालकर पका लिया जाता है. दही, अचार, पापड़ के साथ ये खिचड़ी एक टेस्टी कंफर्ट फूड है.
बिहार में चोखा-खिचड़ी
उत्तर-प्रदेश और बिहार में संक्रांति के टाइम खासतौर पर खिचड़ी बनाई जाती है. इस खिचड़ी को अलग-अलग तरह की दालों जैसे अरहर, (ज्यादातर उड़द दाल), मूंग दाल के साथ बनाते हैं, जिसमें तेजपत्ता, जीरा, हल्दी, टमाटर, हरी मिर्च, लहसुन की छौंक दी जाती है और देसी घी, पापड़, चटनी, खासतौर पर आलू के चोखा के साथ परोसी जाती है.

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कर्नाटक की पारंपरिक खिचड़ी
दक्षिण भारत के कर्नाटक में बनने वाली खिचड़ी को ‘बीसी बेले भात’ कहते हैं जो बिल्कुल अलग स्वाद की होती है. इसे तुअर दाल के साथ बनाते हैं, इसमें कई तरह की सब्जियां डाली जाती हैं, लेकिन खासियत ये होती हैं कि इसमें कम से कम 30 मसालों का बैलेंस होता है. इसे ढेर सारे देसी घी के साथ परोसते हैं और इसका स्वाद लाजवाब होता है.
ओडिशा की खेचुड़ी
भारतीय राज्य ओडिशा में डेली रूटीन में बनने वाले खाने में चावल एक मुख्य अनाज है. यहां पर अडाहेंगी खेचिड़ी पारंपरिक व्यंजन है, जिसे जगन्नाथ मंदिर में भी बनाया जाता है, जिसे महाप्रसाद के रूप में भी जानते हैं. घरों में लोग इसे मूंग दाल के साथ बनाते हैं जिसमें अदरक, हींग तेजपत्ता और बेसिक मसालों का इस्तेमला होता है. इस खिचड़ी को आलू भर्ता, रायता, दालमा, अचार, पापड़, चटनी के साथ परोसा जाता है.

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तमिलनाडु का पोंगल
दक्षिण भारतीय राज्य, तमिलनाडु में बनने वाला पारंपरिक व्यंजन पोंगल भी खिचड़ी की तरह ही होता है, जिसे ज्यादातर ब्रेकफास्ट में परोसा जाता है या फिर रात में कम्फर्ट फूड की तरह खाते हैं. इसे मीठा तो बनाया ही जाता है साथ ही नमकीन में भी बनाते हैं. ये उत्तर भारतीय खिचड़ी की तरह ही होता है, जिसे मूंग दाल, चावल के साथ बनाते हैं. इसमें जीरा, करी पत्ता, काजू का तड़का लगाते हैं. इसें अदरक, काली मिर्च समेत कुछ बेसिक मसाले डाले जाते हैं.
आंध्रप्रदेश की कीमा खिचड़ी
अमूमन खिचड़ी को वेजिटेबल्स, दाल-चावल के साथ बनाई जाती है, लेकिन आंध्र प्रदेश में नॉन वेजिटेरियन खिचड़ी बनाते हैं, जिसे कीमा खिचड़ी के नाम से जाना जाता है, जिसका स्वाद कुछ हैदराबादी बिरयानी से मिलता-जुलता होता है.
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