नोएडा में रोबोटिक सर्जरी से हटाया 200 ग्राम का प्रोस्टेट:स्टेज-4 का था प्रोस्टेट, तीन दिन में मरीज को ठीक कर किया डिस्चार्ज
मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के डॉक्टर्स की टीम ने बरेली के 64 साल के मरीज पर कॉम्प्लेक्स रोबोटिक प्रोस्टेटेक्टॉमी कर बड़ी सफलता हासिल की। मरीज का प्रोस्टेट बढ़कर लगभग 200 ग्राम का हो गया था, जो सामान्य प्रोस्टेट आकार से लगभग सात गुना अधिक था। मरीज हुमायूं मिर्ज़ा, पिछले चार साल से एनलार्ज प्रोस्टेट की दवाइयां ले रहे थे। फिर भी उन्हें गंभीर पेशाब संबंधी तकलीफें बनी रहीं। अचानक पेशाब में तेज खून निकलने पर उन्हें इमरजेंसी में लाया गया। जांचों में अत्यधिक बढ़ा हुआ प्रोस्टेट और यूरिनरी ब्लेडर में कई ब्लड क्लॉट्स भी पाए गए। इमेजिंग और एमआरआई से ग्रेड 4 बे-नाइन प्रोस्टेट एनलार्जमेंट की पुष्टि हुई। ये यूरिनरी ब्लेडर तक फैली हुई थी। अस्पताल के यूरोलॉजी विभाग के ग्रुप चेयरमैन डॉ. (प्रो.) राजेश अहलावत, ने कहा, “प्रोस्टेट एनलार्जमेंट या बेनाइन प्रो-स्टेटिक हाइपरप्लासिया उम्र से जुड़ी एक आम स्थिति है। 60 साल की आयु तक लगभग एक-तिहाई और 80 साल तक पहुंचते-पहुंचते लगभग आधे पुरुषों को प्रभावित करती है। इलाज न मिलने पर गंभीर परिणाम
शुरुआती अवस्था में दवाइयों से नियंत्रण संभव है, लेकिन गंभीर मामलों में सर्जरी की आवश्यकता होती है। यदि उपचार न किया जाए तो यह समस्या यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन, ब्लेडर स्टोन्स, किडनी को नुकसान या अचानक पेशाब बंद होने जैसी जटिलताओं का कारण बन सकती है। यह केस दुर्लभ था क्योंकि प्रोस्टेट का आकार अत्यधिक बड़ा था और सर्जिकल मैनेजमेंट भी बेहद कॉम्प्लेक्स था।” रोबोटिक सर्जरी का लिया फैसला
डॉ. पंकज वाधवा, ने कहा, “प्रोस्टेट का आकार और केस की गंभीरता को देखते हुए रोबोटिक प्रोस्टेटेक्टॉमी सबसे उपयुक्त विकल्प था। रोबोटिक सर्जरी पारंपरिक ओपन सर्जरी की तुलना में कम ब्लड लॉस, छोटे चीरे, तेज रिकवरी और किसी भी प्रकार के कॉम्प्लीकेशंस का रिस्क कम करने जैसे कई लाभ प्रदान करती है। हमारे मरीज की रिकवरी तेज रही, तीसरे दिन ही उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया और एक महीने बाद की फॉलो-अप अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में केवल 12 ग्राम शेष प्रोस्टेट टिशू पाए गए।
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