राजस्थान में स्कूल प्रिंसिपल के ट्रांसफर पर बवाल, कांग्रेस पर मंत्री का पलटवार, बोले- पहले पैसे लेकर होते थे ये काम

राजस्थान में स्कूल प्रिंसिपल के ट्रांसफर पर बवाल, कांग्रेस पर मंत्री का पलटवार, बोले- पहले पैसे लेकर होते थे ये काम

राजस्थान में सरकारी स्कूलों में प्रिंसिपल के 4 हजार से ज्यादा ट्रांसफर पर घमासान मचा हुआ है. ट्रांसफर के विरोध में जगह- जगह छात्र स्कूलों पर तालेबंदी कर विरोध प्रदर्शन कर रहे है. वहीं इस मामले को लेकर अब सियासत भी गरमा गई. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार कांग्रेस शासन में लगाए गए प्रिंसिपल को राजनीतिक बदले के लिए दूर दराज ट्रांसफर कर रही है.

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने तो जातिगत आधार पर ट्रांसफर का आरोप भी जड़ा है. कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी सरकार बदले की भावना से काम कर रही है. शिक्षकों का ट्रांसफर भी इसी का कारण है. अगर बीजेपी सरकार की ऐसी कोई भावना नहीं है तो खुलकर क्यों नहीं बोलती है. इस पर शिक्षा मंत्री मदल दिलवार ने कांग्रेस पर पलटवार किया. शिक्षा मंत्री का कहना है कि कांग्रेस के आरोप गलत हैं. वह बेवजह सरकार पर आरोप लगा रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के शासन में पैसा लेकर ट्रांसफर किए जा रहे थे. शिक्षा के मंदिर में करप्शन हो रहा था. बीजेपी सरकार बनने के बाद इस करप्शन पर लगाम लगाई गई है. यह ट्रांसफर रूटीन के तहत किया गया है. ट्रांसफर में अब कहीं भी भ्रष्टाचार नही है.

छात्रों ने ट्रांसफर के खिलाफ खोला मोर्चा

सीकर के श्री माधोपुर इलाके के मानगढ गांव का राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल है. छात्र- छात्राओं ने स्कूल के गेट पर ताला जड़कर बाहर धरने पर बैठ गए हैं. छात्र मांग कर रहे हैं कि प्रिंसिपल भीम सिंह सामोता का ट्रांसफर रद्द किया जाए. छात्रों ने चेतावनी दी कि अगर ट्रांसफर रद्द नहीं किया तो स्कूल नहीं चलने देंगे। छात्रों का कहना है कि बीच सेशन में प्रिंसिपल का ट्रांसफर ठीक नहीं है.

4527 स्कूल प्रिसिंपल का हुआ है ट्रांसफर

दरअसल भजनलाल सरकार ने 4527 स्कूल प्रिंसिपल का ट्रांसफर कर दिया गया है. कई प्रिंसिपल का ट्रांसफर तो दूर दराज में बॉर्डर इलाकों में कर दिया गया है. उनमें से एक सामोता भी शामिल है. छात्रों को जब नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा के बेटे ने बात कर ट्रांसफर रद्द करवाने का भरोसा दिलाया तब स्कूल का ताला खोला गया. लेकिन मुद्दा एक स्कूल का नहीं है. जययुर, सीकर, जोधपुर समेत एक दर्जन से अधिक जिलों में प्रिंसिपल के ट्रांसफर के विरोध में छात्र आंदोलन कर रहे हैं. स्कूलों की तालेबबंदी कर रहे हैं.

3 दिन से चल रहा बवाल

राज्य में पिछले करीब 3 दिन से चल रहा बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने आरोप लगाया कि भजनलाल सरकार ने जानबूझ यह ट्रांसफर किया है. कांग्रेस शासन में लगे प्रिंसिपल का ट्रांसफर राजनीतिक द्धेषता से किया गया है. डोटासरा ने आरोप लगाया कि शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने जातीगत आधार पर भी ट्रांसफर किए है.

शिक्षा मंत्री ने किया पलटवार

उधर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस शासन में राजस्थान में पैसे देकर ट्रांसफर होते है थे भष्टाचार होता था. दिलावर ने उस तस्वीर की याद दिलाई जब शिक्षकों के कार्यक्रम में गहलोत ने शिक्षकों को पूछा कि क्या ट्रांसफर में पैसे चलते हैं. तब शिक्षकों ने कहा था कि बिना पैसे ट्रांसफर नहीं होते।

अवार्ड प्राप्त प्रिंसिपल का भी ट्रांसफर

बताया जाता है कि ट्रांसफर में गड़बड़ियां इतनी है की कई अवार्ड प्राप्त प्रिंसिपल का भी ट्रांसफर कर दिया. जयपुर के महात्मा गांधी नवीन विद्याधर सरकारी स्कूल को प्रदेश में नंबर वन का दर्जा मिला है. प्रिंसिपल बच्चू सिंह धाकड़ को राज्य स्तरीय सम्मान मिल चुका है. बच्चों के लिए आधुनिक सुविधाएं विकसित की गई हैं और नामांकन 1600 से अधिक है. लेकिन हाल ही जारी ट्रांसफर सूची में उनका तबादला प्रतापगढ़ कर दिया गया.

ट्रांसफर में मेरिट के बजाय सिफारिश चली

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने 10 सितंबर को जयपुर के महात्मा गांधी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, दहमी कलां, सांगानेर का निरीक्षण किया था जहां शिक्षक अनुपस्थित पाए गए और कैश बुक में 23 जुलाई के बाद कोई इंद्राज नहीं था. स्कूल की धूल-मिट्टी और गंदगी देख मंत्री का पारा चढ़ गया. मंत्री ने प्रिंसिपल हेमेंद्र सिंह के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए गए, लेकिन ट्रांसफर सूची में उनका नाम नहीं है. हेमेंद्र को उसी जगह रखा. इससे शिक्षक संगठन खफा है और आरोप लगाया कि ट्रांसफर में मेरिट के बजाय सिफारिश चली है.

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