मेरठ में मासूम बेटी को बचाने के लिए एक मां ने जान की बाजी लगा दी। यह बच्ची खेलते खेलते रेलवे ट्रैक पर पहुंच गई थी। महिला ने बच्ची को तो धक्का देकर बचा दिया लेकिन वह खुद चपेट में आकर घायल हो गई। महिला को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उपचार चल रहा है। अब एक नजर डालते हैं पूरी घटना पर
सरधना तहसील में मामूपुर उर्फ देदवा गांव की ज्योति रविवार शाम अपनी दो बेटियों 5 वर्षीय नियति और तीन वर्षीय अनाया को लेकर दौराला में दवा लेने आई थी। दिल्ली-हरिद्वार रेलवे फाटक के निकट ज्योति एक दुकान पर खड़े होकर सामान खरीदने लगी। इसी दौरान नियति खेलने लगी और रेलवे ट्रैक को ओर जाने लगी। धक्का देकर बेटी को ट्रैक से गिराया
नियति खेलते खेलते ट्रैक तक पहुंच गई। इसी दौरान ट्रेन आ गई। बच्ची को ट्रैक के पास जाता देख लोगों ने शोर मचा दिया। शोर सुनकर जैसे ही ज्योति की नजर बच्ची पर पड़ी वह बदहवास चिल्लाते हुए दौड़ पड़ी। अपनी जान की परवाह ना करते हुए ज्योति दौड़ती रही और ऐन मौके पर बेटी को धक्का देकर ट्रैक से बाहर गिरा दिया। बेटी तो बच गई लेकिन ज्योति ट्रेन की चपेट में आकर घायल हो गई। लोको पॉयलट ने मारी इमर्जेंसी ब्रेक
जिस ट्रेन से यह हादसा हुआ, वह मेरठ से सहारनपुर जाने वाली 64557 डीएम पैसेंजर ट्रेन बताई जा रही है। बताया जाता है कि लोको पॉयलट ने ट्रैक पर हलचल देखी तो तुरन्त इमर्जेंसी ब्रेक लगा दिए। जब तक ट्रेन रुक पाती, तब तक ज्योति ट्रेन की चपेट में आकर घायल हो गई। आस पास लोगों की भीड़ जमा हो गई। रेलवे के कर्मचारियों ने महिला को संभाला और तुरन्त पास के सरकारी अस्पताल ले जाकर उपचार दिलाया। प्राइवेट अस्पताल के लिए किया रेफर
हादसा होने के बाद स्टेशन पर मौजूद रेलवे के कर्मचारी दौड़कर पहुंच गए। कुछ यात्री भी ट्रेन से उतर आए और ज्योति को संभाला। पहले ज्योति को दौराला सीएचसी ले जाया गया लेकिन फिर प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। परिजन लेकर पहुंचे निजी अस्पताल
जिला अस्पताल ना ले जाकर परिवार के लोग ज्योति को मोदीपुरम के एसडीएस ग्लोबल हॉस्पिटल में ले गए और वहां भर्ती करा दिया। कुछ ही देर में पुलिस भी पहुंच गई। घायल ज्योति से घटना के बारे में जाना। ज्योति के दोनों बच्चों को भी चोट आई थी, जिन्हें तत्काल प्राथमिक उपचार दिलाया गया।
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