पंजाब पुलिस की लेडी DSP बोली-मुझे पीछे से टच किया:किसानों के वेष में गुंडे आए थे; ऑफिस के बाहर पुलिस-किसानों की झड़प हुई थी
पंजाब के नाभा में 22 सितंबर को किसानों और पुलिस की झड़प के बाद सुर्खियों में आई लेडी DSP मनदीप कौर ने पूरे विवाद पर सफाई दी है। उन्होंने कहा कि किसानों की पगड़ी पुलिस ने नहीं उतारी। धरने में गलत लोगों के कारण हालात बिगड़े और उन पर भी हमला हुआ। DSP ने बताया- वीडियो क्लिप्स को गलत तरीके से पेश किया गया। किसानों के वेष में वहां गुंडे आए हुए थे। मुझे पीछे से गलत तरीके से टच किया। दरअसल, 22 सितंबर को डीएसपी मनदीप कौर के दफ्तर के बाहर किसान शंभू मोर्चे के समय खोई हुई ट्रॉलियों से जुड़े मामले में धरना दे रहे थे। इसी बीच पुलिस और किसानों के बीच झड़प हो गई। DSP मनदीप कौर ने कहा था कि उनके साथ कुछ किसानों ने बदतमीजी की। वहीं, किसान नेता गमदूर सिंह ने कहा था कि डीएसपी ने हमारे साथ बदतमीजी की। गाड़ी चढ़ाने की कोशिश की। हमारे कपड़े तक फाड़ दिए। अब DSP मनदीप कौर से सवाल-जवाब पढ़िए… सवाल- सोशल मीडिया पर चल रहा है कि किसान की पगड़ी पुलिस ने उतारी है?
DSP मनदीप- मुझे एक भी ऐसी वीडियो दिखा दो, जिसमें पुलिस ने किसी किसान की पगड़ी उतारी हो। किसी के पास वीडियो है तो वह लाइव कर दे। मैंने खुद किसानों से कहा था कि आप गुरुद्वारा साहिब में जाकर कसम खा लो कि पुलिस ने पहले धक्का-मुक्की की है। श्री दरबार साहिब जाकर कसम खा ले कि मेरे साथ गलत बर्ताव नहीं किया। जितने भी लोग अंदर बैठे थे कोई भी कसम खाने को तैयार नहीं हुआ। इसका मतलब उनके मन में चोर है। किसानों के वेष में वहां गुंडे आए हुए थे। मैंने वहां पर जो गुंडे शब्द का इस्तेमाल किया था, इसी कारण किया था। सवाल- आपकी कुछ तस्वीरें भी सामने आई हैं, जिसमें किसान बैठे हैं और आपकी गाड़ी आगे खड़ी है। किसानों का कहना है कि लोग खुद ही देख लें कि किसान पहले बैठे थे या बोलेरो बाद में अंदर लाई गई है?
DSP मनदीप- यह सड़क वह है जो मेरा दफ्तर है। किसानों से पहले बात हुई थी कि तुम लोग इतनी जगह छोड़ोगे, जहां से सरकारी गाड़ियां आ जा सकें। एक गमदूर नाम के किसान नेता ने सीआईडी स्पेशल ब्रांच और मुझसे यह बात कही थी कि मैडम जब आपकी गाड़ी आएगी या जाएगी तो हम रास्ता छोड़ देंगे। सवाल- एक वीडियो सामने आया था और कहा जा रहा है कि मैडम ने खुद जूड़ा खोला और एक महिला के बाल खींचे?
DSP मनदीप- वहां धक्का-मुक्की बहुत हो रही थी। मेरा हाथ जरूर ऊपर गया था लेकिन हालात ऐसे थे कि उस महिला के हाथ में कोई वस्तु थी जो हमारे ऊपर हमला कर रही थी। वह गाड़ी के बिल्कुल नीचे बैठी थी। शायद कोई पत्थर उसके हाथ में था। मैं उसे पकड़ने की कोशिश कर रही थी। उसे रोकने के लिए मेरा हाथ उसके सिर पर लग गया था। उस क्लिप को गलत तरीके से इन्होंने दिखाया है। सवाल- आप घटनास्थल पर इतने गुस्से में आ गए थे। कहा जा रहा है कि आपको थोड़ा ठहराव रखना चाहिए था?
DSP मनदीप- आप वह चीज महसूस नहीं कर सकते जो उस समय एक महिला को सहनी पड़ी। मुझे गलत तरीके से पीछे से टच किया गया। आप सभी वीडियो देख सकते हैं। मेरी आंखों में आंसू तक आ गए थे। मैंने कहा कि मुझे गलत तरीके से ट्रीट किया गया। अब मुझे कह रहे हैं कि वह वीडियो दिखाओ। मैं कहती हूं कि यहां 600 लोग इकट्ठे कर लो। क्या आप लोगों को दिखा पाओगे कि कौन से लोग आपको गलत टच कर रहे थे? सवाल- कहा जा रहा है कि आपकी ट्रेनिंग का हिस्सा होता है कि किस तरह से भीड़ को काबू करना, क्या प्रबंध सही नहीं थे?
DSP मनदीप- भीड़ बहुत ज्यादा थी। मुलाजिम हमारे पास 30 से 35 थे। हम यह सोचकर उन्हें नहीं रोक रहे थे कि उनसे भिड़ा जाएगा। ऐसा कुछ नहीं था, लेकिन उन्होंने माहौल ऐसा बना दिया। गलत लोगों ने मुझे गलत तरीके से टच किया। कई अन्य महिला मुलाजिमों ने भी मुझसे कहा कि हमें भी गलत तरीके से टच किया गया। सवाल- धरने में किसान कह रहे हैं कि हमारी पगड़ियां पुलिस ने उतारी हैं और हम पर गाड़ी चढ़ाने की कोशिश की गई है?
DSP मनदीप- कोई पुलिस मुलाजिम नहीं चाहेगा कि उसके इलाके या थाने के बाहर धरना लगे। यदि माहौल खराब होता है तो मुझसे ही पूछा जाना था। किसानों में जो गमदूर सिंह आया था, उसने मिस अंडरस्टेंडिंग पैदा की। उसने पहले कहा था कि मैडम जब आपकी गाड़ी आई तो हम रास्ता छोड़ देंगे, लेकिन उसने यह मैसेज आगे अपने नेताओं को नहीं दिया। उसने बाद में ये बात कही कि मैडम ने हम पर गाड़ी चढ़ाने की कोशिश की है। जबकि, ऐसा कुछ नहीं था। खुद किसान गाड़ी के आगे लेट गए। सवाल- कल वाली घटना से आप परेशान हुई है?
DSP मनदीप- परेशान तो हुई हूं, लेकिन मैं अंदर से बहुत मजबूत हूं। बहुत कुछ जिंदगी में देखा है। सवाल- जब यह घटना हुई तो परिवार से भी फोन आया होगा?
DSP मनदीप- आज भी मुझे फोन आ रहे हैं। परिवार से इस मुद्दे पर मैंने कोई खास बात नहीं की। मैंने इतना कहा कि सब ठीक हो जाएगा आप टेंशन मत लो। मेरी सिर्फ मैसेज पर घर बात हुई है। यह एक गलतफहमी हुई है जो लोगों ने सोशल मीडिया पर फैलाई है। इन गलत हरकतों की वीडियो एक न एक दिन जरूर सामने आएंगी। सवाल- आपके पति का क्या रिएक्शन था?
DSP मनदीप- वह कल गांव गए हुए थे। उनका बार-बार फोन भी आ रहा था, लेकिन मैं व्यस्त होने के कारण बात नहीं कर पा रही थी। कल फिर जब वह आए तो उन्होंने सारी बात पूछी। उनका सपोर्ट हमेशा मेरे साथ रहता है। उन्हें पता है कि इस तरह के माहौल में गलत लोग आए होंगे, जिस कारण ये हालात बने। सवाल- आप जब भावुक हुईं तो क्या महसूस किया?
DSP मनदीप- मैंने महसूस किया कि जब मैं वहां गई तो मुझे एक लेडी अफसर की जगह आम लेडी की तरह ट्रीट किया गया कि जैसे मर्जी इसके साथ बर्ताव करो, यह सहन कर लेगी। मेरा इतना मूड इसलिए खराब हुआ कि मुझे पीछे से गलत तरह से टच किया गया। मैंने जब उन्हें रोका तो कुछ और लोग भी भड़क गए। मैं नहीं कहती कि किसान गलत हैं। धरना लगाना उनका हक है। मैंने खुद कहा था कि छाया में धरना लगा लो। धूप बहुत है। सवाल- लोग कह रहे हैं कि मैडम ने किसानों को उस समय गाली तक दे दी?
DSP मनदीप- लोग उस फीलिंग को महसूस नहीं कर सकते, जो उस समय मेरे साथ हुआ। सवाल- आप उन किसानों को अब क्या कहना चाहेंगी, जिन्हें बुरा लगा?
DSP मनदीप- मेरा व्यवहार ऐसा है कि मैं कभी अपने मन में कोई कड़वाहट नहीं रखती। मुझे पता है कि किसानों का दर्द क्या है। मेरे पिता भी शंभू मोर्चे का हिस्सा रहे थे। इनकी सीनियर लीडरशिप से कहना चाहूंगी तो जब आप इकट्ठा करो तो ये जरूर देखें कि कैसे लोग आपके धरने में आ रहे हैं? हर जगह गलत इंसान होते हैं। किसानों से निवेदन है कि मोर्चों में अच्छे लोग लेकर जाएं, ताकि आपकी मांगें सही अर्थ में सरकार और अफसरों तक पहुंच सकें। DSP ने धरने के पीछे की यह वजह बताई, 2 पॉइंट्स में जानिए… सवाल- आपके विदेश दौरे को लेकर भी बात चली कि आपने विदेश जाकर कहा था कि मुझे रुपए दें और आपको वहां से रुपए मिले भी, आपकी पढ़ाई के लिए?
DSP मनदीप- जब मैं स्पोर्ट्स में थी तो 2008 में मैंने ओलिंपिक खेला और 2009 में मैं सरी (कनाडा) गई थी। उन्होंने मुझे सिख परिवार में होने के कारण सम्मानित किया कि आपने कौम और देश का नाम ऊंचा किया है। गुरु पर्व के मौके पर मुझे गोल्ड मेडल भी मिला था। उस समय उन्होंने मुझसे मेरी परेशानियां भी पूछीं, जैसे आम पूछा जाता है। मैंने सिर्फ यही कहा था कि खेलों में बहुत खर्च आता है, मैं मिडिल क्लास परिवार से हूं। वहां कई पंजाबी भाई-बहन रहते हैं जिन्होंने कहा कि वह मेरी मदद करेंगे। उन सभी ने डॉलर इकट्ठे कर मुझे दिए थे। शायद मुझे करीब 5 से 6 लाख रुपए दिए थे। फेसबुक पर कमेंट करने से पहले लोगों को असलियत पता होनी चाहिए। कमेंट करने वालों को हकीकत नहीं पता।
Source: देश | दैनिक भास्कर
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