लखनऊ के बीरबल साहनी मार्ग स्थित श्री श्याम मंदिर में श्री श्याम जन्मोत्सव के दूसरे दिन ‘श्री श्याम संकीर्तन रस धारा भजन संध्या’ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर भजन गायिका साध्वी पूर्णिमा और अन्य कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति से श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। श्री श्याम परिवार लखनऊ द्वारा आयोजित इस भजन संध्या में गायकों ने अपने भजनों से समां बांध दिया। साध्वी पूर्णिमा ने ‘मैंने मोहन को बुलाया है वह आता होगा…’, ‘मुझे अपने ही रंग में रंगले मेरे यार सांवरे…’ और ‘मैं जहाँ भी रहूँ बरसाना मिले…’ जैसे कई लोकप्रिय भजन प्रस्तुत किए। गौ सेवा के महत्व के बारे में बताया उन्होंने ‘मुश्किल है सहन करना ये दर्द जुदाई का…’, ‘मेरे जीवन की जुड़ गई डोर किशोरी तेरे चरणन में…’ और ‘श्याम मोरे नैनन आगे रहियो…’ जैसे कई अन्य भजन भी गाए। इन भजनों पर उपस्थित भक्त भावविभोर होकर झूम उठे। इस अवसर पर साध्वी पूर्णिमा ने धर्म और गौ सेवा के महत्व के बारे में बताया । उन्होंने कहा कि धर्म की रक्षा से ही हमारी सुरक्षा सुनिश्चित होगी और सभी को गौ माता की सेवा करनी चाहिए, क्योंकि गौ माता वात्सल्य का श्रेष्ठ स्वरूप हैं। उन्होंने भगवान राम और भगवान कृष्ण को देश की पहचान बताते हुए लोगों से भगवान श्रीकृष्ण के नाम का स्मरण करने का आह्वान किया। ये लोग शामिल हुए भजन संध्या में हजारों की संख्या में श्रद्धांलुओं ने हिस्सा लिया ,वही भजनों की धुन पर झूमते नजर आये। इस कार्यक्रम में अध्यक्ष संजीव अग्रवाल, महामंत्री रूपेश अग्रवाल, कोषाध्यक्ष आशीष अग्रवाल, सुधीश गर्ग, अनुराग साहू, अनिल गुप्ता, वीरेंद्र अग्रवाल, अतुल अग्रवाल, पुनीत माहेश्वरी, विकास अग्रवाल, रत्नेश अग्रवाल, लोकेश और प्रदीप बंसल सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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