लैंड फॉर जॉब केस-लालू-राबड़ी को हाजिर होने के आदेश:बिहार चुनाव से पहले तेजस्वी को भी राउज एवेन्यू कोर्ट ने बुलाया, 13 अक्टूबर को सुनवाई
बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले लैंड फॉर जॉब मामले में लालू परिवार को झटका लगा है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने 13 अक्टूबर को राजद सुप्रीमो लालू यादव, तेजस्वी यादव और राबड़ी देवी को कोर्ट में हाजिर होने के निर्देश दिए हैं। CBI ने आरोप लगाया है कि ‘जिन लोगों को रेलवे में नौकरी मिली, उनके परिजन ने जो जमीनें लालू परिवार को दीं, वे जमीनें सर्कल रेट पर दर्ज थीं, जबकि उस समय का मार्केट रेट सर्कल रेट से चार से छह गुना ज्यादा था।’ ‘यानी जमीनों की वैल्यू को जानबूझकर कम दिखाया गया और कम कीमत पर लालू परिवार के नाम की गईं। CBI ने अपने आरोपपत्र में कुछ ऐसे मामलों का भी जिक्र किया है जहां आरोपियों ने लालू परिवार, खासकर उनकी पत्नी राबड़ी देवी (बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री) को 3.75 लाख रुपए के सर्किल रेट पर अपनी जमीन बेचने का दावा किया है। सीबीआई के अनुसार, 2008 में उस भूखंड की प्रचलित सर्कल रेट 4.21 लाख था। 2004 से 2009 के बीच रची गई साजिश CBI का कहना है कि ‘यह पूरी साजिश 2004 से 2009 के बीच रची गई जब लालू प्रसाद यादव देश के रेल मंत्री थे। जांच एजेंसी ने कहा कि इस दौरान लगभग सभी मामलों में नौकरी देने से पहले ही जमीनें ट्रांसफर की गईं और अधिकांश में गिफ्ट डीड तैयार कर ली गई थी।’ CBI ने आरोप पत्र में यह भी दावा किया है कि ‘जब लालू यादव रेल मंत्री थे, तब उनके करीबी भल्ला यादव ने गांव में जाकर कहा था कि अपने परिजनों को नौकरी दिलाने के एवज में अपनी-अपनी जमीन लालू परिवार के नाम कर दीजिए। लालू परिवार के नाम जमीन लिखने वाले सभी आरोपियों ने दावा किया है कि उन्हें लालू परिवार से नकद में भुगतान किया गया था।’ लालू की बेटियों पर भी आरोप सीबीआई ने इस मामले में सिर्फ लालू और उनके बेटों को ही नहीं, बल्कि उनकी बेटियों को भी आरोपी बनाया है। खासकर सांसद मीसा भारती और हेमा यादव के खिलाफ भी चार्जशीट में आरोप दर्ज हैं कि उन्हें भी नाम मात्र की कीमत पर ज़मीन ट्रांसफर की गई थी।
Source: देश | दैनिक भास्कर
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