CJI बोले- बुलडोजर एक्शन के खिलाफ आदेश देना संतोषजनक था:इसमें मानवीय पहलू जुड़ा था; सुप्रीम कोर्ट ने 2024 में बनाई थी गाइडलाइन
भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने मंगलवार को कहा कि बुलडोजर एक्शन के खिलाफ आदेश देने पर उन्हें बेहद संतुष्टि मिली थी। इस फैसले में मानवीय पहलू भी जुड़ा था। किसी परिवार को सिर्फ इसलिए परेशान नहीं किया सकता कि उस परिवार का एक सदस्य अपराधी है। सुप्रीम कोर्ट के वकीलों के एक एकेडमिक समूह, 269वें फ्राइडे ग्रुप के कार्यक्रम में बोलते हुए गवई ने कहा- बेंच में उनके साथ जस्टिस केवी विश्वनाथन भी शामिल थे। हालांकि ज्यादातर श्रेय मुझे दिया गया है, लेकिन मैं यह भी कहना चाहता हूं कि इस फैसले को लिखने का क्रेडिट जस्टिस विश्वनाथन को भी जाना चाहिए। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर 2024 में बुलडोजर एक्शन पर फैसला सुनाया था। कोर्ट ने कहा था कि अफसर जज नहीं बन सकते। वे तय न करें कि दोषी कौन है। बेंच ने ये भी कहा था कि 15 दिन के नोटिस के बगैर निर्माण गिराया तो अफसर के खर्च पर दोबारा बनाना पड़ेगा। अदालत ने 15 गाइडलाइंस भी दीं थीं। सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर 2024 में क्या आदेश दिया था… CJI गवई के पिछले 4 बड़े बयान 16 सितंबरः जाओ, भगवान से ही कुछ करने को कहो CJI ने 16 सितंबर को खजुराहो के वामन (जावरी) मंदिर में भगवान विष्णु की मूर्ति बदलने को लेकर याचिकाकर्ता से कहा- जाओ और भगवान से खुद करने को कहो। तुम कहते हो भगवान विष्णु के कट्टर भक्त हो, जाओ उनसे प्रार्थना करो। हालांकि, 2 दिन बाद 18 सितंबर उन्होंने बयान पर सफाई दी और कहा कि मेरी टिप्पणी को सोशल मीडिया पर गलत तरीके से दिखाया गया। पूरी खबर पढ़ें… 23 अगस्तः परीक्षा में नंबर-रैंक सफलता तय नहीं करते CJI बीआर गवई ने 23 अगस्त को कहा था कि परीक्षा में अंक और रैंक यह तय नहीं करते कि छात्र कितना सफल होगा। उसको सफलता मेहनत, लगन और समर्पण से मिलती है। जस्टिस गवई ने कहा- देश में कानूनी शिक्षा को मजबूत करना जरूरी है और यह सुधार केवल नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (NLU) तक सीमित नहीं रहना चाहिए। पूरी खबर पढ़ें… 9 अगस्तः सरकारी आवास समय पर खाली कर दूंगा चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) बीआर गवई ने गुरुवार को कहा- नवंबर में रिटायरमेंट से पहले उपयुक्त (सूटेबल) घर मिलना मुश्किल है, लेकिन मैं नियमों के तहत तय समयसीमा में अपना सरकारी आवास खाली कर दूंगा। CJI गवई ने ये बात जस्टिस सुधांशु धूलिया के विदाई कार्यक्रम में कही। पूरी खबर पढ़ें… 12 जूनः अधिकारों की रक्षा के लिए अदालतों की सक्रियता जरूरी CJI बीआर गवई ने 12 जून को कहा था कि संविधान और नागरिकों के अधिकारों को बनाए रखने के लिए न्यायिक सक्रियता जरूरी है। यह बनी रहेगी, लेकिन इसे न्यायिक आतंकवाद में नहीं बदला जा सकता। CJI ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र के तीनों अंगों विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका को उनकी सीमाएं दी गई हैं। पूरी खबर पढ़ें… ———————- ये खबर भी पढ़ें… बुलडोजर एक्शन, SC बोला- रातों-रात घर नहीं गिरा सकते: यूपी सरकार को फटकार लगाई सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन पर यूपी सरकार को फटकार लगाई। अदालत ने कहा, ‘यह मनमानी है। आप बुलडोजर लेकर रातों-रात घर नहीं तोड़ सकते हैं। आप परिवार को घर खाली करने का समय नहीं देते। घर के सामान का क्या, उचित प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए।’ पढ़ें पूरी खबर…
Source: देश | दैनिक भास्कर
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