बलिया में चार दिवसीय छठ महापर्व की तैयारियां जोरों पर हैं। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से शुरू होने वाले इस पर्व के लिए रविवार को घाटों पर वेदी निर्माण और साफ-सफाई का काम तेजी से जारी रहा। व्रती महिलाओं द्वारा सूर्योपासना की परंपरा के लिए घाटों पर पंडाल बनाए जा रहे हैं। नगर पालिका, नगर पंचायतें और ग्राम पंचायतें घाटों की साफ-सफाई, प्रकाश व्यवस्था और सुरक्षा प्रबंध सुनिश्चित कर रही हैं। श्रद्धालु पूजा स्थल और घरों में स्वच्छता का विशेष ध्यान रख रहे हैं। जनपद मुख्यालय के रामलीला मैदान, शनिचरी मंदिर, शिवरामपुर घाट, माल्देपुर गंगा घाट सहित रसड़ा, रेवती, सिकंदरपुर, नगरा, मनियर, बैरिया, रतसड़, बेल्थरारोड, सहतवार और बांसडीह जैसे स्थानों पर छठ घाटों को सजाने-संवारने का कार्य शाम तक चला। रात में प्रकाश व्यवस्था के लिए लाइटों की टेस्टिंग की जाएगी। विभिन्न समितियों के सदस्य भी घाटों को सजाने में लगे हैं। जिले के विभिन्न बाजारों में फलों, सूप, डाला, नारियल और अन्य पूजन सामग्री की खरीदारी के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। व्रत के लिए आवश्यक सामग्री जुटाने में महिलाएं व्यस्त दिखीं। ईश्वरीय आस्था और सूर्योपासना का यह महापर्व नहाय-खाय से शुरू होता है। इस दिन व्रती स्नान कर नए वस्त्र धारण करती हैं और भगवान सूर्य को अर्घ्य देती हैं। चना दाल, कद्दू की सब्जी और चावल का प्रसाद ग्रहण कर पूजा संपन्न की जाती है। इसके बाद परिवार के अन्य सदस्य भोजन करते हैं। पर्व के दूसरे दिन खरना पूजा होती है। इस दिन व्रती गुड़ की खीर बनाकर प्रसाद के रूप में ग्रहण करती हैं। इसके साथ ही 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो जाता है। मान्यता है कि खरना के बाद घर में देवी षष्ठी (छठी मइया) का आगमन होता है।
https://ift.tt/8IQNKAH
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply