गुरुग्राम मेट्रो में देरी पर राव Vs राव:मंत्री नरबीर की सफाई- DPR पर कन्फ्यूज से देरी हुई; इंद्रजीत ने कहा था- जिम्मेदारों पर कार्रवाई हो

गुरुग्राम में मेट्रो विस्तार परियोजना में हो रही देरी को लेकर मोदी सरकार में राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह और नायब सरकार के कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह के बीच जुबानी जंग छिड़ी है। परियोजना में हो रही देरी को लेकर राव इंद्रजीत ने जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की मांग की। जिसके बाद राव नरबीर की ओर से सफाई आई। उन्होंने प्रोजेक्ट में देरी के लिए किसी को दोषी ठहराने के बजाय टेक्निकल कन्फ्यूजन को जिम्मेदार बताया। हाल ही में हिसार में आयोजित एक कार्यक्रम में राव नरबीर ने इस मुद्दे पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव से पहले इस परियोजना की आधारशिला रखी थी। आधारशिला रखने के बाद भी डीपीआर को लेकर कुछ कन्फ्यूजन था, जिसके कारण परियोजना में देरी हुई। राव नरबीर का दावा- खट्टर के भूमि पूजन के बाद प्रोजेक्ट शुरू हो चुका
राव नरबीर ने बताया कि यह फाइल केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी के पास थी। अब केंद्रीय ऊर्जा एवं आवास मंत्री मनोहर लाल खट्टर के मंत्रालय से संबंधित है। डीपीआर से संबंधित भ्रम दूर होने के बाद मनोहर लाल खट्टर ने हाल ही में परियोजना का भूमि पूजन किया, और अब यह प्रोजेक्ट शुरू हो चुका है। राव नरबीर ने कहा कि केंद्र सरकार और संबंधित मंत्रालयों ने इस परियोजना को प्राथमिकता दी है। इस प्रोजेक्ट पर तेजी से काम किया जाएगा और तय समय में इसे पूरा कर लिया जाएगा। राव का मेट्रो के बहाने मनोहर-नायब सरकार पर निशाना
राव इंद्रजीत ने मेट्रो प्रोजेक्ट में देरी के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की मांग उठाई थी। राव इंद्रजीत ने कहा-2018 से वे इस प्रोजेक्ट को लेकर घूम रहे हैं, लेकिन राज्य सरकार की तरफ से कई बार उन्हें बताया गया कि केंद्र सरकार के पास यह प्रोजेक्ट अटका हुआ है। जब वे हरदीप पुरी से पूछते तो उन्हें जवाब मिलता कि ऐसा कोई प्रोजेक्ट मंजूरी के लिए आया ही नहीं। इस पर सख्त रुख अपनाया जाए और देरी के लिए जवाबदेही सुनिश्चित करना जरूरी है। अब जानिए कितना महत्वपूर्ण है मेट्रो विस्तार प्रोजेक्ट…
​​​​​​​गुरुग्राम मेट्रो विस्तार परियोजना शहर के यातायात और कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इस परियोजना से न केवल शहर के भीतर आवाजाही आसान होगी, बल्कि आसपास के क्षेत्रों को भी जोड़ा जा सकेगा। स्थानीय निवासियों और व्यापारियों ने इस परियोजना में देरी पर पहले ही नाराजगी जताई थी, और अब नेताओं के बीच इस तरह की बयानबाजी से मामला और गर्म हो गया है। 5500 करोड़ का प्रोजेक्ट, 27 मेट्रो स्टेशन बनेंगे
​​​​​​​करीब 5500 करोड़ रुपए की लागत से मिलेनियम सिटी सेंटर से साइबर सिटी तक और द्वारका एक्सप्रेस-वे तक जाने वाले 28.5 किलोमीटर लंबा मेट्रो कॉरिडोर होगा। इस प्रोजेक्ट में 27 मेट्रो स्टेशन बनेंगे। यह मेट्रो लाइन नए और पुराने गुरुग्राम को जोड़ेगी। मेट्रो परियोजना के पहले चरण में 15.22 किलोमीटर मेट्रो रेल पुल, 15 स्टेशन, द्वारका एक्सप्रेसवे के लिए 1.85 किलोमीटर लंबा स्पर और सेक्टर 33 में प्रस्तावित डिपो तक एक रैंप का निर्माण शामिल है। अहीरवाल के दोनों दिग्गजों के बीच तनातनी की 4 बड़ी वजह सियासी वर्चस्व की लड़ाई
​​​​​​​हरियाणा के अहीरवाल क्षेत्र की राजनीति में राव इंद्रजीत बड़ा नाम हैं, तो राव नरबीर भी कम नहीं। दोनों नेताओं के बीच लंबे समय से सियासी वर्चस्व की लड़ाई चल रही है। जो अक्सर सार्वजनिक तंज, आरोप-प्रत्यारोप और स्थानीय चुनावों में टकराव के रूप में सामने आती है। राव नरबीर की खट्टर से करीबी
​​​​​​​साल 2014 में खट्टर सरकार में राव नरबीर मंत्री रहे। तब से उनकी मनोहरलाल खट्टर से नजदीकी रही। सियासी हलकों में चर्चा थी कि अहीरवाल में राव इंद्रजीत की काट के लिए राव नरबीर का कद बढ़ाने की कोशिश हुई। अब भी नरबीर अकसर खट्टर के साथ दिखते हैं। गुरुग्राम में जंगल सफारी से लेकर डिज्नी लैंड जैसे प्रोजेक्ट में वो खट्टर के साथ खड़े दिखते हैं। राव इंद्रजीत पर 2019 में टिकट कटवाने का आरोप
​​​​​​​साल 2019 में भाजपा ने अपने सिटिंग एमएलए व मंत्री राव नरबीर सिंह का बादशाहपुर से टिकट काट दिया था। तब राव इंद्रजीत खेमे पर टिकट कटवाने का आरोप लगा। भाजपा ने मनीष यादव को टिकट दिया, हालांकि वो निर्दलीय राकेश दौलताबाद से हार गए थे। नरबीर ने इंद्रजीत को अपना राजनीतिक धुर विरोधी करार दिया था। दोनों की बड़ी सियासी बैकग्राउंड
​​​​​​​राव इंद्रजीत के पिता राव बीरेंद्र सिंह हरियाणा के दूसरे मुख्यमंत्री बने थे। किसी वक्त उनकी गिनती इंदिरा गांधी के करीबियों में होती थी। उन्होंने अपनी हरियाणा विशाल पार्टी का कांग्रेस में विलय किया था। राव इंद्रजीत उन्हीं की सियासी लीगेसी को बढ़ा रहे हैं। राव इंद्रजीत 6 बार के सांसद हैं। दूसरी तरफ राव नरबीर का भी सियासी बैकग्राउंड मजबूत है। उनके दादा राव मोहर सिंह और पिता महाबीर सिंह भी सियासत में थे। राव नरबीर खुद 4 बार विधायक बने हैं और चारों बार मंत्री बने। वह जाटूसाना, सोहना और बादशाहपुर से विधायक बने हैं। ​​​​​​​

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Source: देश | दैनिक भास्कर