गौड़ाबौराम| छठ महापर्व को लेकर युवाओं ने घाटों की साफ सफाई शुरू कर दी है। शनिवार को व्रतियों ने नियम और निष्ठा के साथ गेहूं को धोकर सुखाया गया। पूजा सामग्री की खरीदारी लोग देर शाम तक करते रहे। प्रखंड के गोरा मानसिंह पंचायत के भुषकौल गांव स्थित तालाब, कमला बलान पश्चिमी तटबंध, अखतबाड़ा,कोठराम, मंसारा, नदी, बघरासी, बौराम, कसरौड़ बसौली, कसरौड़ करकौली, कसरौड़ वेलबाड़ा, कुठौंइ, कन्हैई, आसी, आधारपुर, ऊफरौल,नारी सहित दर्जनों घाटों की साफ-सफाई के साथ रंग रोगन और लाइट व पताका से सजाने में युवक जुट गए हैं। भास्कर न्यूज | दरभंगा नहाय खाय के साथ लोक आस्था व परंपरा के चार दिवसीय महापर्व छठ का शनिवार से श्रीगणेश हो गया। छठी मईया के गीतों से गांवों से लेकर शहरों तक की वादियां गुंजायमान होने लगी है। हिंदुओं के हर घर में उत्सवी माहौल है। यहां तक कि चुनाव प्रचार में छठ गीतों से आधारित कैसेट बजने लगे हैं। नगर निगम व स्थानीय स्तर पर छठ घाटों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। छठ सामग्री से बाजार सज गया है। वैकल्पिक व कृत्रिम घाट बनाए जाने लगे हैं। नगर निगम ऑफिस के पास हरिबोल ताला के पास बीच सड़क पर कृत्रिम घाट बनाया गया है। यह बीस फीट लंबा, पांच फीट चौड़ा और एक फीट गहरा कृत्रिम घाट है। हरिबोल तालाब पर श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सड़क पर घाट बनाया गया है। पार्षद नवीन सिन्हा ने बताया कि यह घाट इस प्रकार बनाया जा रहा है कि सड़क यातायात बाधित न हो और श्रद्धालु सुरक्षित रूप से पूजन कर सकें। यहां 10 से 15 लोग पूजा कर सकते हैं। वहीं लोग मिट्टी खोद कर घाट बना रहे हैं। इसके अलावा शहर के गंगासागर, दिग्घी, हराही, मखदूमपुर और पोखरिया आदि तालाबों में लोग लकड़ी आदि से घाटों का निर्माण कर रहे हैं। दिग्घी और गंगासागर घाटों पर बिजली-बत्ती की व्यवस्था चंदा के माध्यम से की जा रही है, जबकि हराही में भी यही प्रक्रिया अपनाई जा रही है। धर, शहर के मोहल्लों और टोलों में लोग अपने छतों, आंगनों और दरवाजों पर छोटे कृत्रिम घाट बना रहे हैं, ताकि घर के आसपास ही अर्घ्य दिया जा सके। अर्घ्य देने के लिए छतों पर व आंगनों में बन रहे कृत्रिम घाट
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