परिषदीय स्कूलों में बायोमैट्रिक हाजिरी शुरू:1792 स्कूलों में 142877 छात्र पंजीकृत, बायोमेट्रिक हाजिरी से डिजिटल क्रांति की शुरुआत

जिले के परिषदीय स्कूलों में विद्यार्थियों की बायोमीट्रिक हाजिरी की व्यवस्था शुरू की जा रही है। यह कदम इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और बेसिक शिक्षा विभाग के महानिदेशक के निर्देश पर उठाया गया है। जिले के 1792 परिषदीय विद्यालयों में 1 लाख 42 हजार 877 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। नई व्यवस्था के क्रियान्वयन से पहले अभिभावक-शिक्षक बैठक आयोजित की जाएगी। इस बैठक में बायोमीट्रिक हाजिरी के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाएगी। विद्यार्थियों के आधार कार्ड अपडेट करने के लिए विशेष शिविर लगाए जाएंगे। बेसिक शिक्षा अधिकारी लालचंद्र सरोज ने बताया कि महानिदेशक बेसिक शिक्षा के निर्देशानुसार सभी परिषदीय स्कूलों में बायोमीट्रिक हाजिरी प्रणाली लागू की जा रही है। इसके लिए स्कूलों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं और उन्हें इस नई व्यवस्था के लिए तैयार रहने को कहा गया है। इस प्रणाली के तहत विद्यार्थियों की उपस्थिति आधार कार्ड से लिंक करके बायोमीट्रिक मशीनों के जरिए दर्ज की जाएगी।इससे स्कूलों में पंजीकृत और वास्तव में उपस्थित छात्रों की संख्या का सटीक और वास्तविक समय में आकलन संभव होगा। नई व्यवस्था को सुचारु रूप से लागू करने के लिए स्कूलों में अभिभावक-शिक्षक बैठकों का आयोजन किया जाएगा। इन बैठकों में अभिभावकों को बायोमीट्रिक हाजिरी प्रणाली के उद्देश्य, कार्यप्रणाली और लाभों के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाएगी। साथ ही, विद्यार्थियों के आधार कार्ड को अपडेट करने के लिए विशेष शिविर आयोजित किए जाएंगे। इन शिविरों में आधार कार्ड में किसी भी प्रकार की त्रुटि को ठीक करने और उन बच्चों का आधार पंजीकरण कराने पर ध्यान दिया जाएगा,जिनका आधार अभी तक नहीं बना है। यह सुनिश्चित करेगा कि सभी विद्यार्थी इस डिजिटल प्रणाली का हिस्सा बन सकें। वर्तमान में परिषदीय स्कूलों में विद्यार्थियों की उपस्थिति मैन्युअल रजिस्टर में दर्ज की जाती है। मध्याह्न भोजन योजना के लिए उपस्थिति की संख्या ऑनलाइन अपलोड की जाती है, लेकिन कई बार इस प्रक्रिया में असमानताएं और गलतियां सामने आती हैं। बायोमीट्रिक हाजिरी लागू होने से यह समस्या समाप्त हो जाएगी। बायोमीट्रिक प्रणाली के जरिए वास्तविक समय में उपस्थिति दर्ज होगी, जिससे न केवल सटीक डेटा प्राप्त होगा, बल्कि मध्याह्न भोजन और अन्य सरकारी योजनाओं के लिए संसाधनों का बेहतर उपयोग भी सुनिश्चित होगा।

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Source: उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर