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DDU की शोध को मजबूत करने की ठोस पहल:यूनिवर्सिटी रिसर्च एक्सीलेंस अवार्ड्स (UREA)- दूसरे चरण की घोषणा

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की ओर से विश्वविद्यालय में गुणवत्तापूर्ण, इनोवेटिव और वैश्विक स्तर के शोध को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से साल 2024 में शुरू की गई “यूनिवर्सिटी रिसर्च एक्सीलेंस अवार्ड्स (UREA)” योजना अब अपने दूसरे चरण में प्रवेश कर चुकी है। यह योजना विश्वविद्यालय के शिक्षकों और शोधार्थियों की ओर से किए जा रहे बेहतरीन शोध कार्यों को पहचान, सम्मान और प्रोत्साहन देने की एक सुव्यवस्थित और पारदर्शी पहल है। इस अवार्ड स्कीम के अंतर्गत उन शोध प्रकाशनों को मान्यता दी जाती है, जो Scopus और Web of Science जैसी प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय अनुक्रमित पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं। चार कैटेगरी में मिलेगा अवार्ड शोध पत्रिकाओं के क्वार्टाइल (Q1 से Q4) के आधार पर पुरस्कारों को प्लैटिनम, डायमंड, गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉन्ज श्रेणियों में विभाजित किया गया है। हर श्रेणी में चयनित शोध कार्यों के लिए प्रशस्ति पत्र के साथ नगद पुरस्कार भी प्रदान किया जाता है, जिससे शोधकर्ताओं को अकादमिक उत्कृष्टता के लिए प्रोत्साहन मिले। योजना के अंतर्गत विश्वविद्यालय के शिक्षक, पीजी/पीएचडी/पोस्ट-डॉक्टोरल शोधार्थी पात्र हैं। एक वर्ष की अवधि में प्रकाशित शोध पत्रों के आधार पर पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। एक से अधिक प्रकाशनों के लिए भी पुरस्कार मिल सकेंगे साथ ही, एक शोधकर्ता को एक से अधिक प्रकाशनों के लिए भी पुरस्कार मिल सकेंगे, जिससे निरंतर एवं प्रभावशाली शोध को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा विश्वविद्यालय की ओर से “आउटस्टैंडिंग रिसर्चर अवार्ड” की भी व्यवस्था की गई है। जिसके अंतर्गत शोध प्रकाशन, पेटेंट (प्रकाशित/स्वीकृत), पुस्तक प्रकाशन और अनुसंधान परियोजनाओं जैसे मापदंडों के समग्र मूल्यांकन के आधार पर उत्कृष्ट शोधकर्ता को विशेष रूप से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार के अंतर्गत ₹21,000/- का नगद पुरस्कार और विशेष प्रमाण-पत्र प्रदान किया जाएगा। शोध एकेडमिक गतिविधि नहीं, समाज से जुड़ाव विश्वविद्यालय में शोध को केवल एकेडमिक गतिविधि के रूप में नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र के विकास से जोड़कर देखा जा रहा है। यूनिवर्सिटी रिसर्च एक्सीलेंस अवार्ड्स जैसी योजनाएं हमारे शिक्षकों और शोधार्थियों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप उच्च गुणवत्ता वाला शोध करने के लिए प्रेरित करती हैं। यह पहल विश्वविद्यालय की शोध-संस्कृति को सुदृढ़ करने के साथ-साथ वैश्विक शैक्षणिक मानचित्र पर हमारी सशक्त उपस्थिति सुनिश्चित करेगी। विश्वविद्यालय प्रशासन ने सभी पात्र शिक्षकों और शोधार्थियों से आह्वान किया है कि वे दूसरे चरण में सक्रिय रूप से सहभागिता करें और अपने शोध कार्यों के माध्यम से विश्वविद्यालय की एकेडमिक प्रतिष्ठा को और अधिक ऊंचाइयों तक पहुंचाएं।


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