उत्तर प्रदेश के डीजीपी राजीव कृष्ण ने बुधवार को सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुलिस की उपलब्धियों का ब्योरा पेश किया। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण, तकनीक के बेहतर उपयोग और पुलिस कर्मियों की कल्याण योजनाओं पर विशेष ध्यान दिया गया है, जिससे अपराध नियंत्रण में उल्लेखनीय सफलता मिली है। डीजीपी ने कहा कि अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी है। वर्ष 2025 में करीब 7 लाख अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस मुठभेड़ों में 48 अपराधी मारे गए। ऑपरेशन कन्विक्शन के तहत 1,25,985 अपराधियों को दोषी ठहराया गया, जिसमें 79 को मृत्युदंड की सजा दिलाई गई। अपराध नियंत्रण के परिणामों पर बोलते हुए डीजीपी ने 2017 की तुलना में आंकड़े पेश किए। डकैती में 91 प्रतिशत, हत्या में 46 प्रतिशत, लूट में 84 प्रतिशत और बलात्कार के मामलों में 53 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। साइबर अपराध पर विशेष जोर देते हुए डीजीपी ने बताया कि कोविड के बाद डिजिटल लाइफस्टाइल बढ़ने से चुनौतियां बढ़ीं, लेकिन पुलिस ने मजबूत तैयारी की। साइबर थानों की संख्या 2 से बढ़कर 75 हो गई है। हर थाने पर साइबर हेल्प डेस्क स्थापित की गई और 18,000 जवानों को प्रशिक्षित किया गया। साइबर अपराध में ठगी की रकम रोकने को मुख्य मापदंड बनाया गया है। वर्ष 2025 में 77,621 मोबाइल फ्रीज और 17,992 मोबाइल ब्लॉक किए गए। यूपी में साइबर अपराधों में दोषसिद्धि दर 87 प्रतिशत है। साइबर ठगी की शिकायत के लिए 1930 हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करने की अपील की गई। विशेषज्ञों की नियुक्ति और जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं। नारकोटिक्स के खिलाफ एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स के तहत 331 अभियुक्त गिरफ्तार किए गए। नई तकनीक से कम हुए सड़क हादसे यातायात प्रबंधन पर डीजीपी ने कहा कि हाईवे दुर्घटनाओं और शहरों में जाम दोनों पर अलग रणनीति अपनाई गई। 89 क्रिटिकल कॉरिडोर और 233 क्रिटिकल थानों की पहचान की गई। दो महीनों में ही दुर्घटनाओं में 11.7 प्रतिशत, मृतकों और घायलों की संख्या में 6-7 प्रतिशत कमी आई है। आने वाले दिनों में इसे सभी थानों और प्रमुख मार्गों पर विस्तार दिया जाएगा। अवैध धर्मांतरण और गो तस्करी पर बड़ी कार्रवाई हुई। 475 मामले अवैध धर्मांतरण के और 1100 से अधिक गो तस्करी के दर्ज किए गए। 73 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त की गई। महिला सुरक्षा के लिए मिशन शक्ति कार्यक्रम के तहत पांच वर्षों में अच्छे परिणाम मिले। मेटा अलर्ट के जरिए 1700 से अधिक लोगों की जान बचाई गई। कफ सीरप मामले में किसी को नहीं बख्शा जाएगा कफ सीरप मामले पर डीजीपी ने कहा कि सभी अपराधियों को पकड़ने की कोशिश जारी है। दो आरोपी फरार हैं, लेकिन लिप्त सभी के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। डीजीपी ने जीरो टॉलरेंस नीति को इन सफलताओं का आधार बताया और आने वाले वर्ष में पुलिसिंग को और मजबूत बनाने का संकल्प दोहराया।
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