बिजनौर के हल्दौर थाना क्षेत्र में एक गोलीकांड की घटना में पुलिस जांच के बाद चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। जिस मामले को जानलेवा हमला बताया गया था, वह दरअसल झूठा मुकदमा दर्ज कराने की साजिश निकली। पुलिस ने इस मामले में सलीम और उसके घायल भाई नवाजिश को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार, 2 दिसंबर 2025 को ग्राम अम्हेड़ा निवासी सलीम पुत्र अकबर ने हल्दौर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। उसने आरोप लगाया था कि तीन नामजद आरोपियों ने उसके भाई नवाजिश पर जान से मारने की नीयत से गोली चलाई, जिससे नवाजिश के कंधे में गोली लगी। इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। विवेचना के दौरान पुलिस को सीसीटीवी फुटेज और तकनीकी साक्ष्यों से संदेह हुआ। गहन पूछताछ के बाद यह सामने आया कि नामजद किए गए आरोपी निर्दोष हैं। पुलिस जांच में वादी सलीम, उसका भाई नवाजिश, शादाब और फैजान की भूमिका संदिग्ध पाई गई। पूछताछ में सलीम ने स्वीकार किया कि गांव की पुरानी रंजिश और आपसी विवादों के कारण उसने बदला लेने की योजना बनाई थी। इस योजना के तहत, उसने अपने भाई नवाजिश को गोली मारकर हल्की चोट पहुंचाने और विरोधी पक्ष को झूठे मुकदमे में फंसाने की साजिश रची। घटना वाले दिन सलीम ने देशी पिस्टल से नवाजिश पर फायर किया, जिससे गोली कंधे को छूते हुए हाथ में लगी। हल्दौर पुलिस ने सलीम और नवाजिश को गिरफ्तार कर लिया। उनके कब्जे से एक .32 बोर की अवैध देशी पिस्टल और एक जिंदा कारतूस बरामद किया गया है। इसके बाद, मुकदमे में आर्म्स एक्ट सहित अन्य गंभीर धाराएं जोड़ी गईं। गिरफ्तार अभियुक्तों का पुराना आपराधिक इतिहास भी सामने आया है। उन पर लूट, गैंगस्टर और अन्य गंभीर धाराओं के तहत कई मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि झूठे मुकदमे दर्ज कराकर निर्दोष लोगों को फंसाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मामले में आगे की विधिक कार्रवाई जारी है।
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