गाजीपुर के ग्राम प्रधानों ने शासन से संबंधित अधिकारियों को विभिन्न मांगों को लेकर एक ज्ञापन सौंपा है। प्रधानों ने इन मांगों पर न्यायोचित कार्रवाई की अपील की है। ज्ञापन में प्रमुख मांगों में से एक यह है कि ग्राम पंचायतों में बने पंचायत भवन, सामुदायिक शौचालय, आर.आर.सी. सेंटर और जच्चा-बच्चा केंद्र जिस आराजी नंबर पर निर्मित हैं, उसे सरकारी अभिलेखों में उन्हीं के नाम से दर्ज किया जाए। इसके अतिरिक्त, जनपद गाजीपुर में 1500 तक की आबादी वाली छोटी ग्राम पंचायतों को अतिरिक्त धनराशि दिए जाने की मांग की गई है। प्रधानों ने 16 दिसंबर 2021 को जारी पंचायत राज अनुभव-3 के शासनादेश संख्या 2350/33-3-2021-2257/2021 को लागू करने की भी मांग की, जिसमें छोटी ग्राम पंचायतों को अलग से मानदेय देने का उल्लेख है। प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अभिभावक संघ के व्यक्ति के साथ प्रधानाध्यापक द्वारा संचालित रखरखाव खाते का संचालन अब प्रधान और प्रधानाध्यापक दोनों के द्वारा कराए जाने की मांग भी ज्ञापन में शामिल है। मनरेगा योजना के तहत पक्के कार्यों के लिए पर्याप्त धनराशि न मिलने और पैसा आने पर शासन द्वारा शर्तें लागू करने पर भी प्रधानों ने चिंता व्यक्त की है। उन्होंने इन शर्तों को समाप्त करने और सभी पुराने व नए बकाया भुगतानों को जल्द से जल्द जारी करने की मांग की। साथ ही, मनरेगा योजना की आईडी पासवर्ड ग्राम पंचायतों को दिए जाने और पांचवें व 15वें वित्त आयोग की तर्ज पर मनरेगा में भी 5 लाख रुपये तक के कार्य स्वीकृत करने का अधिकार ग्राम पंचायतों को दिए जाने की मांग की गई है। अंत में, पंचायत कल्याण कोष से मृतक ग्राम पंचायत सदस्य, प्रधान या क्षेत्र पंचायत सदस्य के आश्रितों को शासनादेश के अनुसार दी जाने वाली धनराशि यथाशीघ्र दिलाने की भी मांग की गई है।
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