हाथरस में जिलाधिकारी अतुल वत्स ने बुधवार की शाम को मंडी समिति परिसर स्थित बाजरा क्रय केंद्र का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने खरीद प्रक्रिया, बाजरा की गुणवत्ता और टोकन व्यवस्था का जायजा लिया। निरीक्षण में कई अनियमितताएं सामने आने पर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त की और संबंधित अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने किसानों से सीधे बातचीत की। किसानों ने शिकायत की कि बाजरा खरीद में काफी समय लग रहा है और ट्रॉलियों को खाली होने में कई दिन लग जाते हैं। कुछ किसानों ने बताया कि 7-8 दिन पहले टोकन जारी होने के बावजूद अभी तक उनके बाजरे की तौल नहीं हुई है। किसानों की समस्याओं को सुनने के बाद, जिलाधिकारी ने जिला खाद्य विपणन अधिकारी को निर्देश दिए कि बाजरा बिक्री के लिए आ रहे किसानों को प्रतिदिन सीरियलवार टोकन दिए जाएं। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि बाजरा की खरीद टोकन के आधार पर हो और उसे केंद्र पर तैयार की गई पंजिका में दर्ज किया जाए। जिलाधिकारी ने केंद्र पर बिक्री हेतु खड़ी ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में रखे बाजरे, तौल किए जा रहे बाजरे और तौल के बाद बोरियों में रखे बाजरे की गुणवत्ता की जांच की। सत्यापन के दौरान बाजरे की गुणवत्ता सही नहीं पाई गई, जिस पर जिलाधिकारी ने कड़ी नाराजगी जताई। खराब गुणवत्ता पर जिलाधिकारी ने तत्काल उन बोरों को सील करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही, उप जिलाधिकारी सदर को कारण बताओ नोटिस जारी करने और केंद्र पर तैनात विपणन निरीक्षकों के विरुद्ध भी कार्रवाई करने के आदेश दिए गए। उन्होंने केंद्र पर बोरों की उपलब्धता, बाजरा की आवक, भुगतान प्रक्रिया और किसानों को दी जा रही सुविधाओं का भी जायजा लिया। तौल में अत्यधिक समय लगने की समस्या को देखते हुए, जिलाधिकारी ने खाद्य विपणन अधिकारी को तत्काल अतिरिक्त व्यवस्थाएं करने, साथ ही अधिक संख्या में श्रमिकों और कर्मचारियों को लगाने के निर्देश दिए। अंत में, जिलाधिकारी ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि मंडी परिसर में सक्रिय बिचौलियों की पहचान कर उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए ताकि किसानों का शोषण रोका जा सके।
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