जौनपुर में पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म शताब्दी वर्ष पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। बुधवार को नगर के होटल रिवर व्यू में हुए इस कार्यक्रम में राज्यमंत्री गिरीश चंद्र यादव मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। राज्यमंत्री गिरीश चंद्र यादव ने वाजपेयी की शख्सियत को बेजोड़ बताया। उन्होंने कहा कि अटल जी को राजनीतिक क्षेत्र में महारत हासिल थी। उन्होंने हमेशा पार्टी कार्यकर्ताओं को सर्वोपरि रखा और देश को राजनीति से ऊपर माना। गिरीश चंद्र यादव ने बताया कि वाजपेयी सरकार ने पहली बार सीमा पर शहीद होने वाले सैनिकों के शवों को सम्मानपूर्वक घर पहुंचाने की परंपरा शुरू की थी, जो आज भी जारी है। कारगिल युद्ध के दौरान शहीद सैनिकों के परिजनों को पेट्रोल पंप, गैस एजेंसी आवंटित करने और नौकरी देने जैसी योजनाएं भी वाजपेयी सरकार ने शुरू की थीं। यह शहीदों के प्रति सम्मान और उनके परिवारों के कल्याण के लिए एक बड़ी पहल थी। भाजपा जिलाध्यक्ष अजीत प्रजापति ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी 1999 से 2004 तक पूर्ण कार्यकाल पूरा करने वाले पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री थे। वे भारतीय जनता पार्टी के सह-संस्थापकों में से एक और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सदस्य होने के साथ-साथ हिंदी कवि और लेखक भी थे। पूर्व विधायक सुरेंद्र प्रताप सिंह ने वाजपेयी के व्यक्तित्व को विशाल और अलौकिक बताया। उन्होंने कहा कि अटल जी साहित्य की अमूल्य निधि थे। वे सरल स्वभाव के थे और उनकी बाल सुलभ वाणी बातों से गुदगुदाती थी। आने वाली पीढ़ियां उन्हें हमेशा याद रखेंगी। अमित श्रीवास्तव, सुरेंद्र जायसवाल और विकास ने कहा कि अटल जी लोकतंत्र में गहरा विश्वास रखते थे। राष्ट्रवादी कवि हृदय अटल जी ने लोकतांत्रिक व्यवस्था और लोकतंत्र की रक्षा के लिए जो उदाहरण पेश किए, वे हम सबके लिए अनुकरणीय हैं। इससे पूर्व, उपस्थित लोगों ने पूर्व प्रधानमंत्री के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया।
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