लखनऊ में महिलाएं खुले में शौच करने को मजबूर हैं। सप्लाई का पानी इतना गंदा आता है कि छानकर ही पिया जा सकता है। इधर-उधर फैली गंदगी, खुले नाले से उठती बदबू से सांस लेना मुश्किल है। तीन महीने पहले बारिश के दौरान इसी नाले में एक बच्चा बह गया था। नगर निगम ने नाले के किनारे-किनारे दीवार बनाने का वादा किया था। दीवार आज तक नहीं बनी। इससे कभी भी दोबारा हादसा हो सकता है। यह हाल विधानसभा भवन से महज 700 मीटर दूर स्थित हुसैनगंज मलिन बस्ती का है। दैनिक भास्कर ने ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया। लोगों से बातचीत की तो पता चला कि मेयर सुषमा खर्कवाल और नगर आयुक्त गौरव कुमार ने बस्ती में आकर सफाई कराने, दीवार बनवाने के वादे किए थे, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ। पार्षद बोले-बस्ती की समस्या उठाई, लेकिन अधिकारी सुनवाई नहीं करते। पढ़िए रिपोर्ट…। पहले 3 तस्वीरें देखिए… टॉयलेट से सामान निकाल ले गए हुसैनगंज मलिन बस्ती नाले के किनारे बसी है। यहां करीब 600 लोग रहते हैं। बस्ती में साफ-सफाई नहीं के बराबर है। इसके साथ ही गंदे पाने की आपूर्ति होने की शिकायत भी लोग कर रहे हैं। लोग बोले- पानी छानकर पीना पड़ता है। स्थानीय लोग पीडब्ल्यूडी के शुलभ शौचालय को फिर से शुरू करने की मांग कर रहे हैं। बस्तीवासियों का कहना है कि उनके पास में कोई शौचालय तक नहीं है। इसके कारण खुले में जाकर शौच करना पड़ता है। 17 सितंबर को भी बच्चा नाले के पास में टॉयलेट करने गया था, पानी के तेज बहाव में बह गया। अगर टॉयलेट की व्यवस्था होती तो बच्चा बच सकता था। अब पढ़िए बस्तीवासियों ने जो कहा… महिला बोली- खुले में शौच करने को मजबूर बस्ती में रहने वाले अधिकतर लोग मजदूरी, साफ-सफाई और कूड़ा-कबाड़ बीनने का काम करते हैं। स्थानीय निवासी विमला ने कहा- दो लड़के और एक बच्चा नाले में बह चुके हैं। दीवार उठाने और बाथरूम टॉयलेट बनाने की बात नगर निगम के अधिकारियों ने कही थी। नेताओं ने कहा था कि सबकुछ सही कराया जाएगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। हम लोग गरीब हैं। कहां जाएं? खुले में शौच को जाने को मजबूर हैं। बाजार वाले हमें रोकते हैं। बच्चे नाले के किनारे शौच करने जाते हैं। बुजुर्ग महिला बोलीं- छानकर पानी पीते हैं बुजुर्ग मरियम ने कहा- गंदा पानी आता है। छान कर पानी पीते हैं। टंकी पर पानी भरने जाते हैं तो कभी कोई भरने देता है कभी नहीं। यहां पर इंदिरा गांधी और राजीव गांधी भी आ चुके हैं। बहुत पहले हैंडपंप लगवाया गया था, लेकिन वह भी खराब हो गया। युवक बोला- पानी-टॉयलेट की व्यवस्था खराब स्थानीय निवासी अरुण ने कहा- पानी, टॉयलेट और बाथरूम की व्यवस्था खराब है। सड़क पर गंदगी रहती है। यहां काफी सालों से रहते आ रहे हैं। स्थानीय नेता और नगर निगम के अधिकारियों को समस्या बताई गई, लेकिन समाधान के लिए अब तक कोई पुख्ता कार्रवाई नहीं हुई है। नगर निगम अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी पार्षद के बस्ती आने पर लोगों ने नेताओं और नगर निगम अधिकारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। विरोध कर रहे इम्तियाज अहमद ने कहा- पिछले 20 साल से यहां पानी की पाइप लाइन पड़ी थी। वह कुछ दिनों पहले टूट गई है। इसके कारण गंदा पानी आता है। समस्या को लेकर पार्षद का भी घेराव किया था, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। पार्षद बोले- पाइप लाइन टूटने से आ रहा गंदा पानी महात्मा गांधी प्रथम वार्ड के पार्षद अमित चौधरी ने बताया- बारिश के दिनों में बच्चा बह गया था। इसके बाद मेयर, डीएम और नगर आयुक्त ने निरीक्षण किया था। आश्वासन दिया था कि यहां पर एक सप्ताह के अंदर दीवार उठा दी जाएगी, लेकिन काफी समय बीत गया। पर कोई सुनने वाला नहीं है। कहां जा रहा है पैसा? गंदा पानी आ रहा है। शिकायत भी कर रहे हैं, लेकिन कोई सुन नहीं रहा है। लोगों को बताना चाहिए कि सरकार इतना पैसा दे रही तो वह कहां जा रहा है। पार्षद ने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर आंदोलन करने की चेतावनी दी है।
https://ift.tt/B6hqAuR
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply