बस्ती के परिषदीय विद्यालयों में चल रहे शिक्षक समायोजन प्रक्रिया में अनियमितताओं को लेकर शिक्षकों में भारी आक्रोश है। बुधवार को उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष चन्द्रिका सिंह के नेतृत्व में बड़ी संख्या में शिक्षकों ने जिलाधिकारी और बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने समायोजन प्रक्रिया में व्याप्त गड़बड़ियों पर कड़ा विरोध दर्ज कराया, जिसके बाद अधिकारियों ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। जिलाध्यक्ष चन्द्रिका सिंह ने बताया कि विभाग द्वारा बंद, एकल विद्यालयों और सरप्लस शिक्षकों की सूची मनमाने ढंग से जारी की गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि वास्तविक रूप से बंद या एकल विद्यालयों को सूची में शामिल नहीं किया गया, जबकि कम छात्र संख्या दिखाकर बड़ी संख्या में शिक्षकों को सरप्लस घोषित कर दिया गया है। सिंह ने नियमों के अनुरूप काउंसलिंग कराकर ही शिक्षकों को बंद और एकल विद्यालयों में समायोजित करने की मांग की, ताकि किसी के साथ अन्याय न हो। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र सुधार नहीं किया गया तो शिक्षक आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। जिला मंत्री बालकृष्ण ओझा ने इस प्रक्रिया पर संदेह व्यक्त करते हुए कहा कि मृतक एवं स्थानांतरित शिक्षकों के नाम अभी भी विद्यालयों की सूची में दर्ज हैं। इसके अतिरिक्त, कई ऐसे विद्यालय सूची से गायब हैं जहां वास्तव में शिक्षकों की आवश्यकता है। उन्होंने सूची को तत्काल दुरुस्त करने की मांग की। जिला कोषाध्यक्ष दुर्गेश यादव और जिला उपाध्यक्ष रवीश कुमार मिश्र ने जोर देकर कहा कि वास्तविक छात्र संख्या के आधार पर बंद, एकल विद्यालयों और सरप्लस शिक्षकों की सूची सार्वजनिक की जानी चाहिए। उन्होंने मांग की कि इसके बाद ही पारदर्शी काउंसलिंग प्रक्रिया अपनाकर समायोजन किया जाए, जिससे शिक्षकों के साथ न्याय सुनिश्चित हो सके। ज्ञापन सौंपने वालों में अर्चना सेन, विजया यादव, बिंदुमती, कमला यादव, अजय श्रीवास्तव, अशोक यादव, राजीव सिंह, रुकनुद्दीन, संजय यादव, सनद पटेल, रामजीत यादव, विवेककांत पाण्डेय, अभिषेक मौर्य, सुरेश गौड़, उमाकांत शुक्ल, प्रमोद सिंह, संतोष पाण्डेय, शिव प्रकाश सिंह सहित बड़ी संख्या में अन्य शिक्षक भी शामिल रहे।
https://ift.tt/f7t1R3Z
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply