नए साल में बिजली उपभोक्ताओं के लिए राहत की दो खबरें होंगी। उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने अक्टूबर के ईंधन अधिभार (FCA) को जनवरी 2026 के बिल में समायोजित करने का फैसला किया है। जनवरी में उपभोक्ताओं को बिजली 2.33 प्रतिशत सस्ती कीमत पर मिलेगी। वहीं, नियामक आयोग द्वारा नई कॉस्ट डाटा बुक को मंजूरी मिलने के बाद स्मार्ट मीटर सस्ते हो जाएंगे। सिंगल फेज मीटर की लागत 2800 रुपए और थ्री फेज की 4100 रुपए हो सकती है। अडाणी के एफजीडी और निजीकरण पर भी नए साल में महत्वपूर्ण निर्णय नियामक आयोग ले सकती है। सरकार की ओर से बिजली बिल राहत योजना का दूसरा चरण जनवरी से लागू होगा। अब उपभोक्ताओं को बकाया बिल राशि पर 20 प्रतिशत की ही छूट मिलेगी। हालांकि दिसंबर की तरह ब्याज पर शतप्रतिशत की छूट मिलती रहेगी। स्मार्ट मीटर की कीमत होगी कम नए साल में राज्य नियामक आयोग के फैसलों पर प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं की खास नजर रहेगी। स्मार्ट प्रीपेड मीटर की ऊंची लागत पर लंबे समय से विवाद चल रहा है। पावर कॉर्पोरेशन ने नए कनेक्शनों के लिए स्मार्ट मीटर अनिवार्य कर सिंगल फेज मीटर की लागत 6016 रुपए तय की है। स्मार्ट मीटर की महंगी कीमत पर बढ़ते विवाद और नियामक आयोग के समक्ष की गई आपत्ति के बाद सुनवाई में खुद पावर कॉर्पोरेशन ने प्रस्ताव रखा है कि सिंगल फेज मीटर की लागत 2800 रुपए और थ्री फेज की 4100 रुपए हो। नई कॉस्ट डाटा बुक जनवरी 2026 से लागू होने की उम्मीद है। मीटर की कीमत कम होने से नए कनेक्शन लेने वाले उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलेगी। साथ ही, पहले वसूले गए ज्यादा पैसे का समायोजन बिजली बिलों में किया जाएगा। बिजली कंपनियों ने अब तक 100 करोड़ रुपए से अधिक की राशि वसूली है। अडाणी से 1500 मेगावाट बिजली करार हो सकता है रद्द दूसरा बड़ा मामला अडाणी पावर से बिजली खरीद का है। सरकार ने 1500 मेगावाट बिजली खरीद के प्रस्ताव पर अभी अंतिम फैसला नहीं लिया है, लेकिन नियामक आयोग ने एफजीडी (फ्ल्यू गैस डीसल्फराइजेशन) प्लांट की लागत को लेकर सवाल उठाए हैं। केंद्र सरकार द्वारा एफजीडी अनिवार्यता में छूट देने के बावजूद अडाणी पावर ने इस लागत को टैरिफ में जोड़कर 55 से 75 पैसे प्रति यूनिट अतिरिक्त वसूली की याचिका पर सवाल उठ रहे हैं। आयोग ने इस पर रोक लगाते हुए यूपीपीसीएल को विस्तृत लागत मूल्यांकन जमा करने का निर्देश दिया है। निजीकरण पर तस्वीर होगी साफ प्रदेश के 42 जिलों की बिजली को निजी हाथों में सौंपा जाएगा या नहीं, इसकी तस्वीर नए साल में साफ हो जाएगी। पूर्वांचल और दक्षिणांचल के निजीकरण का कर्मचारी भी विरोध कर रहे हैं। इस मुद्दे पर विधानसभा के शीतकालीन सत्र में भी काफी हंगामा हुआ था। वहां ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने स्पष्ट कहा था कि निजीकरण पर अभी कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है। नियामक आयोग भी पहले प्रस्तावित दस्तावेजों पर आपत्तियां उठा चुका है। इस पर अभी तक राज्य सरकार वैधानिक सवालों का जवाब नहीं दिया है। बिजली बिल राहत योजना का दूसरा चरण शुरू 1 जनवरी से बिजली बिल राहत योजना का दूसरा चरण शुरू हो रहा है। सरकार ने बिजली बिल की बकाया राशि को लेकर उपभोक्ताओं को बड़ी राहत दी है। बिजली बिल राहत योजना सरकार की ओर से पेश की गई है। इसमें उपभोक्ताओं को बकाया राशि के ब्याज पर शतप्रतिशत की छूट प्रदान की जा रही है। साथ में मूल बकाश राशि पर भी राहत प्रदान की जा रही है। दिसंबर में जहां उपभोक्ताओं को 25 प्रतिशत की छूट मूल राशि में दी गई थी। वहीं अब जनवरी में ये छूट 20 प्रतिशत ही मिलेगी। फरवरी में ये छूट सिर्फ 15 प्रतिशत ही मिलेगी। हालांकि फरवरी तक ब्याज पर शतप्रतिशत छूट जारी रहेगी। अब तक बिजली बिल राहत योजना में इस तरह लोगों ने उठाया फायदा मध्यांचल विद्युत वितरण निगम– दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम- पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम- केस्को विद्युत वितरण निगम-
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