पश्चिम चंपारण के बैरिया अंचलाधिकारी मुकेश कुमार पर अनुशासनिक कार्रवाई की अनुशंसा की गई है। सदर DCLR शिवम गुप्ता ने जिलाधिकारी तरजोत सिंह को इस संबंध में प्रतिवेदन भेजा है। यह कार्रवाई राजस्व कार्यों में शिथिलता, राज्य स्तरीय रैंकिंग में गिरावट और विभिन्न शिकायतों पर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत न करने के कारण की गई है। DCLR द्वारा जिलाधिकारी को भेजे गए प्रतिवेदन में बताया गया है कि अंचलाधिकारी द्वारा जनप्रतिनिधियों की शिकायतों पर अब तक कोई तथ्यात्मक जांच रिपोर्ट नहीं दी गई है। इससे अंचल के राजस्व कार्यों की प्रगति बाधित हुई है और राज्य स्तर पर जिले की रैंकिंग भी प्रभावित हुई है। अंचल रैंकिंग में बैरिया अंचल 484वें स्थान पर प्रतिवेदन के अनुसार, नवंबर माह की राज्यस्तरीय अंचल रैंकिंग में बैरिया अंचल 484वें स्थान पर रहा। DCLR ने इसे कार्य में लापरवाही और प्रशासनिक शिथिलता का परिणाम बताया है, जिसने पूरे जिले की रैंकिंग को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया है। रिपोर्ट उपलब्ध नहीं कराई एक अन्य मामले में, सिसवा टोला निवासी प्रभु पासवान की पत्नी मीना देवी ने राज्य अनुसूचित जाति आयोग के समक्ष एक परिवाद दायर किया था। जिलाधिकारी और अपर जिलाधिकारी स्तर से कई बार जांच रिपोर्ट मांगे जाने के बावजूद, बैरिया अंचलाधिकारी ने अब तक यह रिपोर्ट उपलब्ध नहीं कराई है। मुख्यालय से गैरमौजूद रहने का आरोप लगाया इसके अतिरिक्त, आपदा मंत्री सह पूर्व पर्यटन मंत्री नारायण साह ने अंचलाधिकारी पर मुख्यालय से गैरमौजूद रहने का आरोप लगाया था। इस आरोप को गंभीरता से लेते हुए, सीओ से पहले भी स्पष्टीकरण मांगा गया था। सदर DCLR ने अपने प्रतिवेदन में स्पष्ट किया है कि बार-बार निर्देश दिए जाने के बावजूद समय पर कार्रवाई न करना प्रशासनिक अनुशासन का उल्लंघन है। इसी आधार पर अंचलाधिकारी मुकेश कुमार के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई की अनुशंसा की गई है।
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