मधेपुरा में करीब 5 साल पहले लाखों रुपए की लागत से नए बस स्टैंड का निर्माण कराया गया था, ताकि आम यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें। लेकिन आज यह बस स्टैंड अपने उद्देश्य से भटकता नजर आ रहा है। स्थिति यह है कि बस स्टैंड परिसर में जगह-जगह कचरे का अंबार लगा हुआ है। यात्रियों की सुविधा के लिए बनाए गए डीलक्स शौचालय पर ताला लटका हुआ है, जबकि परिसर में लगाए गए पंखों को असामाजिक तत्वों द्वारा तोड़ दिया गया है। सुरक्षा व्यवस्था के अभाव में बस स्टैंड के अंदर नशेड़ियों का जमावड़ा लगा रहता है, जिससे यात्रियों में भय का माहौल बना रहता है। हैरानी की बात यह है कि इन तमाम समस्याओं के बावजूद प्रशासनिक अधिकारियों का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। बस स्टैंड अब धीरे-धीरे खंडहर में तब्दील इसी बदहाल स्थिति को देखने के लिए मधेपुरा के पूर्व पार्षद एवं राष्ट्रीय जनता दल महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश उपाध्यक्ष कुमारी विनीता भारती ने नए बस स्टैंड का भ्रमण किया। निरीक्षण के बाद उन्होंने नगर परिषद पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि नगर परिषद हर मोर्चे पर विफल साबित हो रही है। उन्होंने कहा कि करोड़ों की लागत से बना यह बस स्टैंड अब धीरे-धीरे खंडहर में तब्दील होता जा रहा है। ”मुख्य पार्षद और कार्यपालक पदाधिकारी के संरक्षण में नगर के पैसों की लगातार लूट” विनीता भारती ने आरोप लगाया कि वर्तमान मुख्य पार्षद और कार्यपालक पदाधिकारी के संरक्षण में नगर के पैसों की लगातार लूट हो रही है, लेकिन इसके बावजूद यात्रियों को कोई सुविधा नहीं मिल पा रही है। उन्होंने कहा कि बस स्टैंड में न तो शौचालय की समुचित व्यवस्था है और न ही सुरक्षा के कोई पुख्ता इंतजाम। रोजाना बस संचालन के नाम पर शुल्क की वसूली की जाती है, फिर भी पंखे गायब हैं, लोहे की ग्रिल तोड़कर बेच दी गई हैं। बसें भी महज दो-तीन बार ही यहां रुकती हैं। कोरेक्स और स्मैक जैसे नशीले पदार्थों का अड्डा वहीं, बस स्टैंड पर कार्यरत एक बस कंडक्टर ने भी अपनी पीड़ा साझा करते हुए बताया कि यह बस स्टैंड अब कोरेक्स और स्मैक जैसे नशीले पदार्थों का अड्डा बन चुका है। परिसर में गंदगी फैली रहती है, शौचालय बंद पड़ा है और देखभाल के लिए कोई कर्मचारी तैनात नहीं है।
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