बॉलीवुड एक्ट्रेस नुसरत भरूचा के उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर में दर्शन करने पर बरेली (यूपी) के मौलाना ने नाराजगी जाहिर की है। मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा- एक्ट्रेस नुसरत भरूचा ने महाकाल मंदिर में पूजा करके ‘बड़ा पाप’ किया है, इसलिए नुसरत को वहां जाने के लिए पछतावा करना चाहिए। सोनू के टीटू की स्वीटी, प्यार का पंचनामा, ड्रीम गर्ल जैसी फिल्मों में अभिनय करने वाली प्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री नुसरत भरुचा मंगलवार को महाकालेश्वर मंदिर की भस्म आरती में शामिल हुई थीं। इस दौरान नुसरत ने जल अर्पित कर भगवान महाकाल का प्रसाद ग्रहण किया। एक्ट्रेस के दर्शन करने पर मौलाना भड़के आपको बता दें कि ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं। इस बार उनके निशाने पर मशहूर एक्ट्रेस नुसरत भरूचा हैं। दरअसल, हाल ही में नुसरत एमपी के उज्जैन में स्थित महाकाल मंदिर गई थीं, जैसे ही उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं, एक तबका उनके खिलाफ हो गया। मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा- नुसरत भरूचा उज्जैन के महाकाल मंदिर गईं, पूजा की, जल चढ़ाया और वहां की धार्मिक परंपराओं का पालन किया। इस्लाम इन सभी कामों की इजाजत नहीं देता। शरीयत की नजर में नुसरत गुनहगार हैं, उनको तौबा करनी चाहिए।शरिया का हुक्म है कि नुसरत को पछतावा करना चाहिए, इस्तग़फ़ार पढ़ना चाहिए और कलमा पढ़ना चाहिए। उन्होंने इस्लाम के सिद्धांतों के खिलाफ काम किया है। इसलिए, वह शरिया के दायरे में आ गई हैं और एक गंभीर बड़े पाप की दोषी हैं। उनके लिए पछतावा करना जरूरी है। ‘नए साल का जश्न नाजायज’
इससे पहले शहाबुद्दीन रजवी ने वीडियो जारी कर मुस्लिम समाज के लोगों से नए साल का जश्न न मनाने की अपील की थी। उन्होंने इसे फिजूलखर्ची बताया और कहा कि शरीयत की रोशनी में नए साल का जश्न नाजायज है। मौलाना का यह बयान सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है उन्होंने यह भी कहा था कि इस्लामी कैलेंडर का साल मुहर्रम के महीने से शुरू होता है। ऐसे ही हिंदू कैलेंडर का साल चैत्र माह से शुरू होता है। 31 दिसंबर या एक जनवरी को नए साल का जश्न मनाना यूरोपियन कल्चर है। नए साल के जश्न के नाम पर 31 दिसंबर की रात फूहड़बाजी, शोर-शराबा, हंगामा, नाचना-गाना होता है। शरीयत में इन तमाम चीजों की इजाजत नहीं है। अगर कहीं से जश्न मनाने की खबर मिली तो उलमा इसे सख्ती से रोकेंगे। मौलाना की प्रतिक्रिया पर संतों का गुस्सा फूटा इधर, मौलाना के नुसरत को इस्लाम धर्म का पाठ पढ़ाने से उज्जैन के कई संत नाराज हो गए हैं। उन्होंने नुसरत के महाकाल मंदिर के दर्शन करने को गंगा जमुना तहजीब और घर वापसी बताकर मौलाना को ऐसे मामले से दूर रहने की सलाह दी है।
महंत विशाल दास ने कहा, कोई व्यक्ति स्वेच्छा से घर वापसी कर रहा है तो मौलवी के पेट क्यों दुख रहा है। लड़कियां जलालत भरी जिंदगी से बाहर निकल रही है और महाकाल के दर्शन कर वहां शीश झुका रही हैं, तो आपको गर्व होना चाहिए। ऐसे मौलवी को हिदायत किसी को धर्म सौंपने की कोशिश नहीं करें, नहीं तो महाकाल बैठे हैं अपने त्रिशूल को लेकर, मौलाना अपनी बयानबाजी बंद करें। श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के महंत सत्यानंद ने कहा कि भारतीय फिल्म अभिनेत्री का महाकाल आना शहाबुद्दीन को अच्छा नहीं लगा, आप गंगा जमुना तहजीब की बात करते हैं, सनातन में आस्था रख रही हैं। इस तरह फतवा जारी नहीं करना चाहिए। नुसरत ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी
दाऊदी बोहरा समाज से आने वाली नुसरत ने अब तक इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि नुसरत ने महाकाल मंदिर दर्शन के दौरान बताया था कि वे दूसरी बार आई हैं और आगे भी आएंगी। नुसरत ने खुद अपनी यात्रा को शांतिपूर्ण और सकारात्मक अनुभव बताया है और मंदिर की व्यवस्था की तारीफ भी की।
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