मुजफ्फरनगर में चौधरी चरण सिंह चौक पर कथित कब्जे को लेकर चल रहा विवाद आखिरकार समाप्त हो गया। जाट महासभा के नेतृत्व में सर्व समाज के प्रदर्शन के बाद सत्यप्रकाश रेशु ने चौक के लिए पोल निशुल्क दान करने की घोषणा की, जिसके बाद सर्वसम्मति से विवाद खत्म कर दिया गया। इससे पहले जाट महासभा के बैनर तले सर्व समाज के सैकड़ों लोग मुजफ्फरनगर कलेक्ट्रेट पहुंचे। प्रदर्शनकारियों ने चौधरी चरण सिंह चौक पर कथित कब्जे के विरोध में नारेबाजी की और जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर सत्यप्रकाश रेशु के खिलाफ उच्चस्तरीय जांच की मांग की। नगर पालिका के नामकरण पर उठा था विवाद नगर पालिका द्वारा सर्कुलर रोड स्थित रेलवे फाटक के पास भारत रत्न चौधरी चरण सिंह चौक का विधिवत नामकरण किया गया था। इसके लिए बोर्ड बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर बोर्ड भी लगाया गया था। जाट महासभा ने आरोप लगाया था कि चौक को “रेशु चौक” के रूप में प्रचारित कर जनता को गुमराह किया जा रहा है, जो पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के सम्मान के खिलाफ है। विज्ञापन कंपनी पर भी लगे गंभीर आरोप प्रदर्शन के दौरान सत्यप्रकाश रेशु की विज्ञापन कंपनी पर भी सवाल उठे। आरोप लगाया गया कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में हजारों यूनिपोल बिना अनुमति लगाए गए हैं। विशेष रूप से बुढ़ाना रोड, जानसठ रोड और खतौली रोड पर लगे होर्डिंग्स के लिए पीडब्ल्यूडी से एनओसी नहीं ली गई, जिससे सरकारी राजस्व को नुकसान और किसानों को आर्थिक क्षति होने की बात कही गई। गलतफहमी दूर होने पर हुआ समाधान धरने के दौरान व्यापारी नेता संजय मित्तल और पूर्व विधायक अशोक कंसल के साथ पहुंचे सत्यप्रकाश रेशु ने समाज के सामने कहा कि यह पूरा मामला गलतफहमी का परिणाम था। उन्होंने चौक से संबंधित होर्डिंग/पोल भारत रत्न चौधरी चरण सिंह के समाज को निशुल्क दान करने की घोषणा की। सत्यप्रकाश रेशु की घोषणा के बाद जाट महासभा के जिलाध्यक्ष धर्मवीर बालियान ने उनका स्वागत किया और पूरे मामले को समाप्त करने की घोषणा की। साथ ही किसी भी तरह की आगे शिकायत न करने की बात कही गई।
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