कानपुर मेट्रो अब शहर के विकास और आधुनिक सोच की पहचान बन चुकी है। 30 मई 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नयागंज स्टेशन से पहली अंडरग्राउंड मेट्रो ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर कानपुर में इंजीनियरिंग के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ा। दूसरे चरण के विस्तार के तहत चुन्नीगंज, नवीन मार्केट, बड़ा चौराहा, नयागंज और कानपुर सेंट्रल जैसे व्यस्त इलाकों में अंडरग्राउंड मेट्रो सेवा शुरू हुई। इस विस्तार के साथ स्टेशनों की संख्या 9 से बढ़कर 14 हो गई। प्रतिदिन लगभग 25 से 30 हजार यात्री मेट्रो का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे सड़क यातायात का दबाव कम हुआ है और यात्रियों को तेज, सुरक्षित और आरामदायक यात्रा मिल रही है। अब कानपुर मेट्रो का अगला लक्ष्य आईआईटी से नौबस्ता तक का संचालन है। जनवरी 2026 में इस रूट पर टेस्ट रन शुरू होने की संभावना है। इस विस्तार में झकरकटी और ट्रांसपोर्ट नगर जैसे दो नए अंडरग्राउंड स्टेशन तथा बारादेवी, किदवई नगर, बसंत विहार, बौद्ध नगर और नौबस्ता जैसे पांच एलिवेटेड स्टेशन शामिल होंगे। इस विस्तार के बाद मेट्रो का कुल रूट 16 किलोमीटर से बढ़कर 33 किलोमीटर हो जाएगा और स्टेशनों की संख्या 29 तक पहुंच जाएगी। इसके अलावा, चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) से बर्रा-8 तक कॉरिडोर-2 पर भी निर्माण कार्य तेजी से जारी है। गोमती और पार्वती टनल बोरिंग मशीनें भूमिगत सुरंगों का निर्माण कर रही हैं। इस क्षेत्र का टनलिंग कार्य 2026 की शुरुआत तक पूरा होने की उम्मीद है। कानपुर मेट्रो ने पर्यावरण संरक्षण में भी अहम योगदान दिया है। सात अंडरग्राउंड स्टेशनों को आईजीबीसी की प्लैटिनम रेटिंग मिली है, जबकि आईआईटी कानपुर स्टेशन को राष्ट्रपति द्वारा ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। कानपुर मेट्रो अब शहरवासियों को केवल परिवहन सुविधा ही नहीं दे रही, बल्कि शहर को नई गति, पहचान और उज्जवल भविष्य की ओर अग्रसर कर रही है।
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