हावड़ा-जोधपुर एक्सप्रेस में एक किलो सोना लूट मामले में गयाजी जीआरपी का थानेदार ही मास्टरमाइंड निकला। मामले में खुद गयाजी रेल थानेदार राजेश कुमार सिंह ने लिखित बयान देकर शिकायत दर्ज कराई थी। सीनियर अधिकारियों की जांच में वही इस साजिश का मास्टरमाइंड निकला। थानेदार राजेश कुमार सिंह को जांच रिपोर्ट के बाद सस्पेंड कर दिया गया है। जांच में गयाजी रेल थाना के चार सिपाही करण कुमार, अभिषेक चतुर्वेदी, रंजय कुमार और आनंद मोहन भी इस कांड में शामिल पाए गए हैं। इन चारों को भी सस्पेंड कर दिया गया है। इन चारों पर गयाजी रेल थाना में लूट और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (पीसी एक्ट) की धाराओं में अलग से केस दर्ज किया गया है। 21 नवंबर को चलती ट्रेन में गोल्ड कारोबारी के स्टाफ से हुई थी लूट लूट की वारदात 21 नवंबर की है। कानपुर के सोना कारोबारी मनोज सोनी के स्टाफ धनंजय शाश्वत हावड़ा-जोधपुर एक्सप्रेस से एक किलो सोना लेकर सफर कर रहा था। ट्रेन कोडरमा से गयाजी के बीच थी। इसी दौरान शाश्वत को निशाना बनाया गया। लूट की घटना के बाद गोल्ड कारोबारी मनोज सोनी ने मामले की जानकारी खगड़िया के सांसद राजेश वर्मा को दी। सांसद ने इस बारे में पटना रेल एसपी को जानकारी देकर मामले की जांच की अपील की, जिसके बाद मामले को गंभीरता से लेते हुए तीन डीएसपी की एसआईटी बनाई गई। निलंबित चारों सिपाहियों को पहले से थी सोना लेकर सफर करने की सूचना सूत्र बताते हैं कि गया रेल पुलिस का अधिकार क्षेत्र कोडरमा तक नहीं है। इसके बावजूद चारों सिपाही एक निजी व्यक्ति परवेज आलम और रेल थाना के पूर्व चालक सीताराम के साथ वहां पहुंच गए। इन्हें पहले से सूचना मिली थी कि शाश्वत जनरल बोगी में सोना लेकर यात्रा कर रहा है। ट्रेन के कोडरमा में रुकते ही सभी उसमें सवार हुए। गया से पहले शाश्वत को जबरन ट्रेन से उतारा गया। उसके साथ मारपीट की गई और सोने की 4 बिस्किट लूट ली गई थी। रेल एसपी इनामुल हक ने थानेदार समेत सभी पुलिसकर्मियों के निलंबन की पुष्टि की है। सूत्रों का कहना है कि जांच अभी जारी है और आने वाले दिनों में कुछ और बड़े नामों पर भी गाज गिर सकती है।
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