बदायूं के उझानी कोतवाली क्षेत्र के सिरसौली गांव में वन दरोगा को गंभीर रूप से घायल करने वाला जंगली सूअर आखिरकार पकड़ लिया गया है। पशु प्रेमियों की टीम ने मंगलवार शाम इसे रेस्क्यू किया, जिसके बाद पुष्टि हुई कि सूअर पूरी तरह से अंधा था। वन विभाग ने बाद में इसे ककोड़ा के जंगल में सुरक्षित छोड़ दिया। यह रेस्क्यू ऑपरेशन पशु प्रेमी संजीव प्रजापति के नेतृत्व में निजी सूअर पकड़ने वालों की मदद से किया गया। सूअर को काबू में लेने के बाद उसकी आंखों की जांच की गई, जिससे उसके अंधा होने का पता चला। इस कार्रवाई से गांव के लोगों ने राहत की सांस ली है। गौरतलब है कि 26 दिसंबर को इसी जंगली सूअर ने रेस्क्यू के दौरान वन विभाग की टीम पर हमला कर दिया था। इस हमले में वन दरोगा शिवम प्रताप सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उन्हें पहले जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां से हालत नाजुक होने पर राजकीय मेडिकल कॉलेज और फिर हायर सेंटर बरेली रेफर किया गया था। ग्रामीणों के अनुसार, यह सूअर सिरसौली गांव के जंगल में कई दिनों से घूम रहा था और खेतों की ओर जाने वाले किसानों पर हमला कर रहा था। बताया जाता है कि अंधा होने के कारण यह आहट मिलते ही आक्रामक हो जाता था। 26 दिसंबर को जब दरोगा शिवम प्रताप सिंह अपनी टीम के साथ उसे पकड़ने पहुंचे, तो रेस्क्यू के दौरान वह अचानक बेकाबू होकर टीम पर दौड़ पड़ा। इसी दौरान दरोगा गिर पड़े और सूअर ने अपने नुकीले दांतों से उन पर कई जगह वार कर दिए। गांव वालों की मदद से दरोगा को किसी तरह बचाया गया था। सूअर को ककोड़ा के जंगल में छोड़े जाने के बाद सिरसौली और आसपास के गांवों में कई दिनों से बना दहशत का माहौल अब समाप्त हो गया है।
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