DniNews.Live

Fast. Fresh. Sharp. Relevant News

कैनविज कम्पनी की ठगी पर फूटा निवेशकों का गुस्सा:SSP से सामूहिक शिकायत, बरेली में 50 पीड़ितों ने करोड़ो की ठगी का आरोप लगाया

जल्द अमीर बनने का सपना दिखाकर कैनविज कम्पनी ने लाखों परिवारों की नींद उड़ा दी। किसी ने खेत बेच दिया, किसी ने बैंक से लोन लिया और किसी ने जीवनभर की जमा पूंजी लगा दी। अब वही लोग थाने, चौकी और पुलिस अफसरों के चक्कर काटने को मजबूर हैं। बरेली में मंगलवार को कैनविज कम्पनी के खिलाफ पीड़ितों का गुस्सा उस वक्त फूट पड़ा, जब 50 से ज्यादा निवेशक सामूहिक शिकायत लेकर SSP अनुराग आर्य से मिले। पीड़ितों का आरोप है कि हम सभी से करीब 2 करोड़ रुपए की ठगी की गई। जबकि देशभर में लाखों लोगों से करीब हजारों करोड़ रुपए हड़पे गए हैं। SSP से मिले पीड़ित, कार्रवाई की लगाई गुहार मंगलवार को बरेली के अलग-अलग इलाकों से आए पीड़ित निवेशक SSP ऑफिस पहुंचे। सभी ने एक सुर में आरोप लगाया कि कैनविज कम्पनी ने गैंग बनाकर ठगी की साजिश रची। बरेली में पहले ही 770 लोग 26 करोड़ रुपए की ठगी की शिकायत SSP से कर चुके हैं, अब यह संख्या और बढ़ती जा रही है। 5 फीसदी मंथली प्रॉफिट का झांसा, 20 महीने तक देने का वादा पीड़ितों ने शिकायत में बताया कि उन्हें हर महीने 5 फीसदी प्रॉफिट देने और 20 महीने तक मुनाफा देने का लालच दिया गया। 22वें महीने में पूरी मूलधन राशि लौटाने का भरोसा दिलाया गया। भरोसा जीतने के लिए पोस्ट डेटेड चेक, बैंक गारंटी और इनकम टैक्स के नाम पर फॉर्म 26AS का हवाला दिया गया। ग्रॉसरी, फार्मा, रियल एस्टेट और ऑनलाइन ट्रेडिंग का दिखाया सपना कम्पनी के प्रमोटरों ने दावा किया कि वे ग्रॉसरी स्टोर्स, फार्मा इंडस्ट्री, रियल एस्टेट और ऑनलाइन ट्रेडिंग से मोटा मुनाफा कमा रहे हैं। पीड़ितों को आशुतोष सिटी स्थित ऑफिस और रामनगर के कथित रिसॉर्ट्स में मीटिंग के नाम पर बुलाया गया, जहां बड़ी-बड़ी गाड़ियों और आलीशान मकानों का हवाला देकर भरोसा जमाया गया। प्रमोद परिहार से शुरू हुआ खेल, कन्हैया गुलाटी तक पहुंची ठगी शिकायत के मुताबिक, सबसे पहले निवेशकों की मुलाकात प्रमोद सिंह परिहार से कराई गई, जिसने खुद को कम्पनी का फाउंडर मेंबर और 50 फीसदी पार्टनर बताया। इसके बाद कैनविज कम्पनी के मालिक कन्हैया गुलाटी, उनकी पत्नी राधिका गुलाटी, बेटा गोपाल गुलाटी, K.M Associates के फाउंडर जगतपाल मौर्य और पार्टनर अमित महेन्दु से मिलवाया गया। Distributor, Lions, Core Group जैसे नाम, सब निकला फर्जी पीड़ितों का कहना है कि कम्पनी ने निवेशकों को Distributor, Lions, Tiger, Core Group, Rudraksha, Mentor जैसे नामों से अलग-अलग कैटेगरी में बांटा। हर कैटेगरी को ID दी गई, लेकिन इनका किसी भी सरकारी या नियामक व्यवस्था में कोई अस्तित्व नहीं था। यह सिर्फ निवेशकों का भरोसा जीतने के लिए बनाई गई काल्पनिक व्यवस्था थी। कार दिलाने के नाम पर लोन, अब बैंक वसूली में जुटे कैनविज कम्पनी ने प्रॉफिट और इंसेंटिव के नाम पर निवेशकों को लोन पर कारें दिलवाईं। किस्तें भी उसी 5 फीसदी प्रॉफिट और 2 फीसदी-0.25 फीसदी इंसेंटिव से कटने का दावा किया गया। अब हालात यह हैं कि 70 फीसदी से ज्यादा लोगों की गाड़ियां बिक चुकी हैं, बाकी बिकने की कगार पर हैं। बैंक लगातार वसूली का दबाव बना रहे हैं। अप्रैल 2025 से बंद हुआ भुगतान, निवेशक सड़क पर पीड़ितों ने बताया कि कुछ महीनों तक मुनाफा दिया गया, लेकिन अप्रैल 2025 के बाद अचानक सभी भुगतान बंद कर दिए गए। इसके बाद न फोन उठाए गए और न ही ऑफिस में कोई जवाब मिला। आज हालत यह है कि कई परिवार भीख मांगने की कगार पर पहुंच गए हैं, कुछ लोग मानसिक तनाव में आत्महत्या तक की सोचने लगे हैं। देशभर में दर्ज हैं 40 मुकदमे, लुक आउट नोटिस जारी पीड़ितों के मुताबिक, कन्हैया गुलाटी के खिलाफ बिहार, झारखंड, शाहजहांपुर, अयोध्या और बरेली समेत कई जिलों में मुकदमे दर्ज हैं। अब तक करीब 40 केस दर्ज हो चुके हैं। कन्हैया गुलाटी के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी कराया गया है ताकि वो विदेश न भाग जाए। कन्हैया गुलाटी परिवार समेत मकान बेचकर फरार हो गया है। SIT कर रही जांच, आरोपी की तलाश तेज SSP अनुराग आर्य ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए दो SIT गठित की गई हैं। आरोपी कन्हैया गुलाटी की तलाश तेज कर दी गई है। जल्द गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दी जा रही है। SSP ने भरोसा दिलाया कि पीड़ितों के साथ ठगी करने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। सपा नेता विशाल अग्रवाल भी ठगी के शिकार इस पूरे मामले में सियासी एंगल भी सामने आया है। समाजवादी पार्टी के नेता विशाल अग्रवाल के भी कैनविज कम्पनी में पैसा फंसने की बात सामने आई है। इससे पहले भी कई प्रभावशाली लोग ठगी का शिकार हो चुके हैं। पीड़ितों की मांग – गिरफ्तारी हो, पैसा वापस मिले पीड़ितों ने SSP से मांग की है कि कन्हैया गुलाटी, राधिका गुलाटी, गोपाल गुलाटी, प्रमोद सिंह परिहार, जगतपाल मौर्य और अमित महेन्दु के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उनकी संपत्तियां और पासपोर्ट जब्त हों, सभी बैंक और ट्रेडिंग अकाउंट्स की जांच हो और निवेशकों का पैसा वापस कराया जाए। पीड़ितों का कहना है कि उन्हें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बरेली पुलिस पर भरोसा है। अब देखना यह है कि यह भरोसा उन्हें इंसाफ तक पहुंचा पाता है या नहीं।


https://ift.tt/qKIvYTw

🔗 Source:

Visit Original Article

📰 Curated by:

DNI News Live

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *