बलरामपुर जिले में शीतलहर का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। बुधवार को न्यूनतम तापमान 7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि अधिकतम तापमान 16 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है। कड़ाके की ठंड और गलन के कारण सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है। सुबह और देर शाम बर्फीली हवाओं ने ठिठुरन बढ़ा दी है। लगभग 8 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही सर्द हवाओं के कारण लोग आवश्यक होने पर ही घरों से बाहर निकल रहे हैं। सड़कों पर लोग अलाव के सहारे ठंड से बचाव करते दिख रहे हैं। चौक-चौराहों, बस स्टैंड और बाजारों में अलाव ही ठंड से राहत का मुख्य साधन बने हुए हैं। कड़ाके की सर्दी का असर मानव जीवन के साथ-साथ पशु-पक्षियों पर भी स्पष्ट दिख रहा है। पशुपालक अपने मवेशियों को ठंड से बचाने के लिए विशेष उपाय कर रहे हैं। वहीं, पक्षी धूप निकलने का इंतजार करते देखे जा रहे हैं। ग्रामीण इलाकों में सुबह के समय घना कोहरा भी लोगों की आवाजाही में बाधा डाल रहा है। ठंड के कारण बाजारों में चहल-पहल कम हो गई है। लोग आवश्यक कार्य न होने पर घरों में ही रहना पसंद कर रहे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बुजुर्गों, बच्चों और बीमार लोगों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है। जिला प्रशासन ने सार्वजनिक स्थानों पर अलाव की व्यवस्था की है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, आने वाले दिनों में सर्दी से तत्काल राहत मिलने की संभावना कम है। ऐसे में लोगों को सतर्क रहने और ठंड से बचाव के उपाय अपनाने की सलाह दी गई है।
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