बाराबंकी के सिरौली गौसपुर स्थित संयुक्त चिकित्सालय में मंगलवार को इलाज के दौरान एक नवजात शिशु की मौत हो गई। परिजनों ने अस्पताल के डॉक्टर पर इलाज में गंभीर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया। नवजात की पहचान मेला रायगंज निवासी जियाउद्दीन के तीन सप्ताह के पुत्र रय्यान के रूप में हुई है। परिजनों के अनुसार, बच्चे का जन्म 3 दिसंबर को सैदनपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में हुआ था। जन्म के बाद से बच्चा कमजोर था और दूध कम पीता था। 15 दिसंबर को इसी अस्पताल की एक महिला डॉक्टर से दवा ली गई थी, जिससे बच्चे के वजन में सुधार हो रहा था। मंगलवार को दवा खत्म होने पर परिजन दोबारा दवा लेने अस्पताल पहुंचे थे। बच्चे की मौसी आय्या ने बताया अस्पताल में डॉक्टर ने बच्चे को भर्ती कर दो इंजेक्शन लगाए। इसके कुछ ही देर बाद बच्चे के शरीर पर काले धब्बे पड़ने लगे और उसकी हालत बिगड़ने लगी। जब परिजनों ने इस पर सवाल उठाया तो डॉक्टर ने ठंड का असर बताया। आय्या का आरोप है कि डॉक्टर ने उन्हें बाहर जाने को कहा और बच्चे को देने से इनकार कर दिया, जिसके बाद वे जबरन बच्चे को लेकर बाहर आए। बच्चे के पिता जियाउद्दीन ने बताया कि अस्पताल में इंजेक्शन लगाए जाने के बाद बच्चे की हालत तेजी से बिगड़ गई और कुछ ही समय में उसकी मौत हो गई। मां नजमा खातून ने आरोप लगाया कि वे केवल दवा लेने गई थीं, लेकिन अस्पताल स्टाफ ने जबरन बच्चे को भर्ती कराया। भर्ती के बाद लगाए गए इंजेक्शन के कारण ही बच्चे की जान गई। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें डॉक्टर से जबरन अपने बच्चे का शव लेना पड़ा। वहीं, इलाज करने वाले डॉक्टर मुशीर अहमद खान ने सभी आरोपों को खारिज किया है। उन्होंने बच्चे की मौत का कारण ठंड और हाइपोथर्मिया बताया। घटना के बाद अस्पताल परिसर में कुछ देर के लिए तनाव की स्थिति बनी रही। मामले की सूचना स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों को दे दी गई है।
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