अलीगढ़ में स्मार्ट मीटर और अन्य मांगों को लेकर शुरू हुआ संयुक्त किसान मोर्चा और बिजली उपभोक्ता मंच का धरना रात को भी जारी है। लाल डिग्गी बिजलीघर पर मंगलवार को 23वें दिन भी प्रदर्शनकारी कड़ाके की सर्दी में धरना स्थल पर नारेबाजी करते रहे। किसानों का कहना है कि जितनी ठंड बढ़ रही है, उतना ही आंदोलन भी गति पकड़ता जा रहा है। स्मार्ट मीटर के साथ किसान–मजदूरों के हक का मामला मंगलवार शाम करीब साढ़े छह बजे धरनास्थल पर रात्रि कैंप में सभा का आयोजन हुआ। क्रांतिकारी किसान यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव शशिकांत ने कहा कि 9 दिसंबर से जारी यह महापड़ाव सिर्फ स्मार्ट मीटर तक सीमित नहीं है, बल्कि देशभर के किसान-मजदूरों से जुड़े बुनियादी सवालों की लड़ाई है। उन्होंने बिजली विधेयक 2025, बिजली के निजीकरण, स्मार्ट मीटर योजना, चारों लेबर कोड और आंदोलनकारी किसानों पर दर्ज मुकदमों की वापसी को प्रमुख मांग बताते हुए कहा कि इन पर ठोस निर्णय होने तक आंदोलन जारी रहेगा। बड़े आंदोलन की दी चेतावनी प्रदर्शनकारियों ने कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर 13 महीने चले किसान आंदोलन के बाद सरकार को तीन कृषि कानूनों को वापस लेना पड़ा था। उसी तरह इस बार भी सरकार को जनविरोधी नीतियों से पीछे हटना पड़ेगा। उन्होंने दावा किया कि आने वाले दिनों में यह आंदोलन और व्यापक रूप लेगा तथा किसान, मजदूर और आम उपभोक्ता एकजुट होकर सड़कों पर उतरेंगे। प्रशासन ने अलाव की भी नहीं की व्यवस्था उन्होंने कहा कि बिजली आम जनता की जरूरत है। इसे निजी हाथों में सौंपना जनता पर सीधा बोझ डालने जैसा है। वहीं, धरनास्थल पर मौजूद किसानों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। किसानों का कहना है कि ठंड के बावजूद न तो अलाव की व्यवस्था की गई है और न ही पर्याप्त टीन शेड लगाए गए हैं। ये रहे मौजूद सभा की अध्यक्षता रविंद्र पाल सिंह, धर्मपाल चौधरी और दीपचंद ने की, जबकि संचालन सुरेशचंद्र गांधी ने किया। रात्रि कैम्प में किसान सभा के जिलाध्यक्ष सूरजपाल उपाध्याय, इदरीश मोहम्मद, क्रांतिकारी किसान यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष नगेन्द्र चौधरी, जिला उपाध्यक्ष सर्वेश सिंह सहित बड़ी संख्या में किसान नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे।
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