बरेली में दिनदहाड़े एक समाजसेवी के घर में घुसकर जान लेने की कोशिश का सनसनीखेज मामला सामने आया है। मर्सी फॉर ऑल सोसाइटी की संचालक और पशु प्रेमी शालिनी अरोड़ा पर एक बदमाश ने हमला कर दिया। चीख-पुकार मचती रही, कॉलोनी के लोग बाहर भी निकले, लेकिन मदद के लिए कोई आगे नहीं आया। इसी बीच कबाड़ खरीद रहे एक शख्स ने अपनी जान की परवाह किए बिना हमलावर को काबू कर लिया। इज्जतनगर थाना क्षेत्र के मुंशी नगर निवासी शालिनी अरोड़ा शनिवार सुबह करीब 10:45 बजे अपनी घरेलू सहायिका कुमकुम के साथ घर की सफाई कर रही थीं। इसी दौरान एक अज्ञात व्यक्ति जबरन गेट के अंदर घुसने लगा। घर के कुत्तों ने उसे रोका तो हमलावर ने डंडों और ईंटों से उन पर हमला शुरू कर दिया। शालिनी को ईंट मारी, सहायिका पर भी किया हमला
शालिनी अरोड़ा ने बदमाश को पकड़ने की कोशिश की तो उसने उन पर ईंट से हमला कर दिया। शोर सुनकर सहायिका कुमकुम दौड़कर आई और बीच-बचाव करने लगी, लेकिन हमलावर ने उस पर भी हमला कर दिया। आरोपी लगातार गालियां देता रहा और दोनों महिलाओं पर हावी होने की कोशिश करता रहा। 112 नहीं लगा, कॉलोनी वाले देखते रहे तमाशा
हमले के दौरान शालिनी अरोड़ा ने कई बार 112 पर कॉल करने की कोशिश की, लेकिन संपर्क नहीं हो सका। चीख-पुकार सुनकर कॉलोनी के लोग घरों से बाहर तो आए, लेकिन कोई भी मदद के लिए आगे नहीं बढ़ा। हालात लगातार बिगड़ते जा रहे थे। कबाड़ खरीदने वाले ‘मुल्ला जी’ बने फरिश्ता
इसी बीच सामने से कबाड़ की ठेली लगाने वाले मुल्ला जी मौके पर पहुंचे। उन्होंने बिना देरी किए हमलावर को रोकने की कोशिश की। आरोपी ने उन पर भी हमला किया, लेकिन मुल्ला जी ने उसे जमीन पर गिराकर काबू कर लिया और उसके ऊपर बैठकर भागने से रोके रखा। उनकी इस हिम्मत से दो जिंदगियां बच सकीं। कर्मचारियों ने पहुंचाया थाने, आरोपी गिरफ्तार
शालिनी अरोड़ा ने अपने पशु अस्पताल में काम करने वाले कर्मचारियों को बुलाया। सभी ने मिलकर आरोपी को इज्जतनगर थाने पहुंचाया। पुलिस ने मामले में तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेज दिया। इंस्पेक्टर विजेंद्र सिंह बोले– मुकदमा दर्ज, आरोपी जेल में
इज्जतनगर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर विजेंद्र सिंह ने बताया कि मुंशी नगर कॉलोनी निवासी शालिनी अरोड़ा की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। मामले की आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है। नफरत के दौर में इंसानियत की मिसाल
इस घटना ने एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं कि संकट के समय समाज कितना संवेदनहीन होता जा रहा है। जहां पूरी कॉलोनी तमाशबीन बनी रही, वहीं एक अंजान शख्स ने, बिना धर्म और पहचान देखे, इंसानियत की मिसाल पेश करते हुए दो महिलाओं की जान बचा ली।
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